15वें वित्त आयोग के सदस्यों ने सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। कोविंद ने ट्वीट करके बताया कि 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन के सिंह की अध्यक्षता में आयोग के सदस्यों ने उनसे राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। राष्ट्रपति ने आगे लिखा है कि आयोग की ओर से उन्हें 2021-26 के लिए रिपोर्ट भी सौंपी गई है। रिपोर्ट का कवर टाइटल भी काफी दिलचस्प बनाया गया है। इस सिफारिश रिपोर्ट का कवर टाइटल है- Finance Commission in Covid Times यानी कोरोना काल में वित्त आयोग।
केंद्र सरकार और राज्य सरकारों, विभिन्न स्तरों के लोकल गवर्नमेंट,वित्त आयोग के पूर्व चेयरमैन और इसके सदस्यों, कमिशन के एडवाइजरी काउंसिल,संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञों,शैक्षणिक संस्थानों और अन्य दूसरे संस्थानों के साथ व्यापाक विचार-विमर्श और मैराथन बैठकों के बाद इस रिपोर्ट को तैयार किया गया है। ऐसे समय में जब महामारी के कारण देश में संसाधनों का आधार सिकुड़ता जा रहा है, सरकारी खर्च बढ़ा है और राजस्व में कटौती हुई है, सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि 15वें वित्त आयोग की रिपोर्ट पर लगी है। यह रिपोर्ट करों में कितना राज्यों का हिस्सा सुझाएगी। इससे पहले 14वें वित्त आयोग ने राज्यों की हिस्सेदारी को 10 फीसदी बढ़ाकर 42 फीसदी करने की सिफारिश की थी।
कोविड -19 महामारी ने 15 वें वित्त आयोग के सामने एक अनूठी चुनौती पेश की। इसकी सिफारिशें अंततः राज्यों और केंद्र को वित्तीय संसाधनों के आवंटन का फैसला करती हैं जो विकास खर्च, जीवन प्रत्याशा, स्वास्थ्य, आजीविका, आर्थिक और सुरक्षा चुनौतियों के बड़े मुद्दों पर असर डालती हैं। यह सुनिश्चित करना है कि महामारी से उत्पन्न होने वाले राजस्व दबाव को यथोचित रूप से संबोधित किया जाए।