केंद्र सरकार फिलहाल इस साल कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने को लेकर राज्यों की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रही है. वहीं केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने रविवार को आयोजित नेशनल कंसल्टेशन में स्कूल -लिविंग परीक्षा के महत्व को रेखांकित किया.
शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ”हमें काफी राज्यों से सुझाव और प्रतिक्रियाएं मिली हैं. राज्यों के बीच यह व्यापक आम-सहमति है कि परीक्षाएं कराई जानी चाहिए. जैसा कि पहले मंत्री महोदय ने कहा था कि मिलकर लिये गये फैसले की घोषणा एक जून तक की जाएगी.”
छोटे वर्जन में, छात्र अपने स्वयं के स्कूलों में 19 प्रमुख विषयों की परीक्षाओं में शामिल होंगे. , करवाल ने कहा कि सेल्फ-सेंटर्स के पीछे का उद्देश्य, भीड़ से बचना और छात्रों की आवाजाही को सीमित करना है.
उत्तर प्रदेश में 12वीं की परीक्षाओं को लेकर संशय की बढ़ता जा रहा है. इस बीच उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से एक नया आदेश जारी हुआ है, जिसमें सभी कॉलेजों से 12वीं के छमाही और प्री बोर्ड के अंक मांगे गए हैं. इसके बाद से ही कहा जा रहा है कि 12वीं की परीक्षाओं को रद्द किया जा सकता है. हालांकि इसको लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है.