भारत-चीन तनाव के बीच सीमाई इलाकों में भारत ने अपनी रक्षा गतिविधियां बढ़ा दी हैं. हिमाचल प्रदेश का आसमान एक बार फिर जेट फाइटर की आवाजों से रात भर गूंजता रहा. बुधवार देर रात और गुरुवार सुबह प्रदेश में जेट फाइटर की आवाजें गूंजती रहीं. इससे पहले, कुल्लू के भुंतर एयरपोर्ट पर अत्याधुनिक हेलिक़ॉप्टर चिनूक की लैंडिंग हुई. बताया जा रहा है कि शिंकुला पास पर टनल निर्माण के लिए सर्वे करने को लेकर चिनूक हेलिकॉप्टर यहां पहुंचा है. कुल्लू के बाद हेलिकॉप्टर केलांग (Keylong) के स्टींगरी हेलीपेड पर भी उतरा और जास्कर रेंज में हवाई सर्वे किया है. वहीं, रात भर फाइटर जेट की गड़गड़ाहट को लेकर सोशल मीडिया पर भी चर्चाएं हो रही हैं.
अटल टनल के बाद अब एक और सुरंग
हिमाचल प्रदेश में अटल टनल के बाद अब लेह और कारगिल मार्ग पर एक और टनल का निर्माण किया जा रहा है. शिकुंला दर्रे पर 13 किमी लंबी सुरंग का निर्माण शुरू करने से पहले सर्वे के लिए टीम पहुंची हुई है. अब चिनूक हेलिकॉप्टर की मदद से सर्वे किया जा रहा है. वहीं, कश्मीर की ओर से कश्मीर-लेह मार्ग पर जोजिला पास पर बुधवार से टनल निर्माण का काम शुरू हुआ है. शिंकुला पास पर टनल निर्माण के सर्वे में डेनमार्क की एयरबोर्न इलेक्ट्रो मैग्नेटिक तकनीक का इस्तेमाल होगा. शुक्रवार को भी चिनूक हेलिकॉप्टर के जरिये 16 से 17 हजार फीट की ऊंचाई पर जास्कर रेंज में सर्वे किया जाएगा.
अटल टनल की तरह मुश्किलें नहीं
एयरबोर्न इलेक्ट्रो मैग्नेटिक सर्वे की मदद से अटल टनल निर्माण के दौरान पेश आईं मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा. जियो फिजिकल सर्वे से पहले पता चल जाएगा कि किस इलाके में हार्ड या साफ्ट रॉक है और चट्टानों के अंदर पानी की मौजूदगी के बारे में भी पता लगाया जा सकेगा. लिहाजा, इस तकनीक से जियो फिजिकल सर्वे के बाद टनल निर्माण का काम निर्धारित समय में पूरा होने की उम्मीद है.
कुल्लू में लैंडिंग के दौरान चिनूक को वॉटर सेल्यूट देते हुए.
लेह मार्ग पर सेना की मूवमेंट
हिमाचल प्रदेश में लेह-मनाली हाईवे पर सेना की मूवमेंट लगातार हो रही है. सेना की गाड़ियां यहां से लगातार लेह की ओर जा रही हैं. गलवान में झड़प के बाद भी हिमाचल के मनाली लेह मार्ग पर सेना की मूवमेंट बढ़ी थी और जेट फाइटर भी लगातार उड़ान भरते देखे गए थे. वहीं, शिमला के अन्नाडेल मैदान पर भी चिनूक ने लैंडिंग की थी.