भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता हिमंत बिस्व सरमा ने आज असम के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में आयोजित शपथग्रहण समारोह में असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई.
सरमा के साथ 12 विधायकों को भी मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई. जिसमें नौ भाजपा के कोटे से हैं, जबकि असम गण परिषद (एजीपी) के दो और यूनाइटेड पीपुल्स लिबरल पार्टी (यूपीपीएल) के एक विधायक ने मंत्री पद की शपथ ली.
मंत्री पद की शपथ लेने वालों अतुल बोरा, केशब महंत, अतंजा नियोग, रंजीत कुमार दास, जगह मोहन, पीयूष हजारिका, कौशिक रे, हितेंद्रनाथ गोस्वामी, बिस्वजीत दैमारी, चंद्रमोहन पाटोरी, संजय किसान और गोबिंदा बसुमतारी शामिल हैं.
बता दें कि भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद हिमंत सरमा ने रविवार को राजभवन में राज्यपाल जगदीश मुखी से मुलाकात कर सरकार गठन का दावा पेश किया था. राज्यपाल ने दावे को स्वीकार करते हुए सरमा को सरकार गठन का निमंत्रण दिया.
विधायक दल के नेता के रूप में सरमा का नाम पेश करने वाले सोनोवाल ने कहा, नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (नेडा) के संयोजक सरमा मेरे लिये छोटे भाई के समान हैं. मैं उन्हें इस नई यात्रा के लिये शुभकामनाएं देता हूं.
‘सोनोवाल बने रहेंगे मार्गदर्शक’
वहीं, सरमा ने कहा कि उनके पूर्ववर्ती सर्बानंद सोनोवाल ‘मार्गदर्शक’ बने रहेंगे. सरमा ने सर्वसम्मति से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद अपने संबोधन में कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, सोनोवाल और अन्य पार्टी नेताओं के आभारी हैं, जिन्होंने राज्य के लोगों की सेवा करने का उन्हें मौका दिया.
असम की 126 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन को 75 सीटें मिली हैं. भाजपा को 60 सीटें मिली हैं, जबकि उसके गठबंधन साझेदार असम गण परिषद (एजीपी) व यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) को क्रमश: नौ और छह सीटें मिली हैं. सरमा लगातार पांचवीं बार जलुकबाड़ी सीट से विधायक निर्वाचित हुए हैं.