ईरान की सरकार हिजाब विरोधी आंदोलन में शामिल प्रदर्शनकारियों को चुन-चुनकर फांसी दे रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार को दो और प्रदर्शनकारियों को फांसी दे दी गई। इनकी पहचान मोहम्मद करमी और मोहम्मद हुसैनी के रूप में की गई है। इन पर हिजाब विरोधी प्रदर्शन के दौरान एक अर्धसैनिक बल की कथित रूप से हत्या का आरोप साबित हुआ था। इसे देश की व्यवस्था को चुनौती देने वाला अपराध माना गया।
गौरतलब है कि ईरान पुलिस की हिरासत में महसा अमिनी की मौत के बाद देशभर में बड़े पैमाने पर आंदोलन हुए थे। इसी दौरान तीन नवंबर 2022 को तेहरान के बाहरी शहर कारज में ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड के एक सदस्य रूहोल्लाह अजामियन की हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के लिए मोहम्मद करमी (22) और सैय्यद मोहम्मद हुसैनी (20) को दोषी ठहराया गया। तीन अन्य को भी इसी मामले में मौत की सजा सुनाई गई है, जबकि 11 को जेल की सजा मिली है।
16 लोगों को सुनाई गई मौत की सजा
हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि किस अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई। लेकिन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि कम से कम 16 लोगों को विरोध प्रदर्शनों से जुड़े आरोपों में बंद कमरे में हुई सुनवाई के दौरान मौत की सजा सुनाई गई। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के अनुसार, ईरान में 517 प्रदर्शनकारी मारे गए हैं और 19,200 से अधिक गिरफ्तारियां हुई हैं।