दिल्ली (Delhi) के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों को लेकर हरियाणा (Haryana) की भाजपा सरकार धर्म संकट में है। राज्य सहित पूरे देश का मान बढ़ाने वाले पहलवानों (wrestlers) को हरियाणा के विपक्षी दलों के साथ प्रभावशाली खाप निकायों का भी समर्थन मिला है। ऐसे में सत्तारूढ़ भाजपा-जजपा (जननायक जनता पार्टी) गठबंधन पर दबाव बढ़ रहा है। विरोध करने वाले अधिकांश पहलवान हरियाणा के हैं जिन्होंने देश के लिए ओलंपिक सहित इंटरनेशनल लेवल पर कई पदक जीते हैं। इनमें से कई हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Chief Minister Manohar Lal Khattar) से इस मामले पर समर्थन मांगने पहुंचे हैं।
समर्थन में आने की अपील
इसके अलावा, हरियाणा से प्रदर्शनकारी पहलवानों के प्रति एकजुटता प्रकट करने के किसानों का आना भी शुरू हो गया। किसानों को सिंघू बॉर्डर (Singhu Border) पर रोककर पुलिस ने 24 लोगों को हिरासत में लिया था। किसान धरने पर बैठे पहलवानों से मिलने प्रदर्शन स्थल पर आ रहे थे। पहलवानों ने बुधवार की रात आरोप लगाया था कि दिल्ली पुलिस के कर्मियों ने जंतर मंतर पर उनसे ‘हाथापाई’ की। उन्होंने लोगों से उनके समर्थन में आने की अपील की थी।
हरियाणा की खट्टर सरकार के लिए ये मामला भी वापस लिए जा चुके तीन कृषि कानूनों की तरह होता जा रहा है। दरअसल भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के पहलवानों के आरोपों ने हरियाणा में दो सत्तारूढ़ दलों को विभाजित कर दिया है। खट्टर को केंद्रीय भाजपा नेतृत्व के इंतजार है लेकिन भाजपा ने अब तक बृजभूषण के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। ऐसे में यह देखना बाकी है कि जेजेपी कब तक साथ देती है।
पहलवानों के समर्थन में दुष्यंत चौटाला
उपमुख्यमंत्री और जेजेपी के वरिष्ठ नेता दुष्यंत चौटाला विरोध करने वाले पहलवानों के समर्थन में सामने आए हैं। उन्होंने मांग की है कि पहलवानों की शिकायतों पर दर्ज एफआईआर पर “सख्त से सख्त कार्रवाई” की जाए। हालांकि अभी तक जजपा के किसी नेता ने प्रदर्शनकारी पहलवानों से मुलाकात नहीं की है।
रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को जब वह करनाल में थे तब पहलवानों के आंदोलन के बारे में पूछे जाने पर खट्टर ने संवाददाताओं से कहा, “यह मुद्दा हरियाणा से संबंधित नहीं है। यह खिलाड़ियों की टीमों और केंद्र सरकार से संबंधित है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही एफआईआर दर्ज करने का आदेश दे दिया है … एक जांच होगी।”
खट्टर ने उठाए सवाल
खट्टर ने संकेत दिया कि वे पहलवानों द्वारा अपनाए गए तरीके से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा, “सवाल उठाने के बजाय बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिए। जब बातचीत होती है तो मसले सुलझ जाते हैं। जहां तक आरोपों की बात है, वे कहां तक सच हैं या नहीं- जब मामला सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में है, तो मुझे यकीन है कि सच सामने आ जाएगा।”
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज पहलवानों का समर्थन कर रहे हैं। शुक्रवार को अंबाला में बोलते हुए, भाजपा नेता ने मामले में हस्तक्षेप करने की पेशकश की। उन्होंने कहा, “इस पूरे मामले को उच्चतम स्तर पर उठाया जा रहा है। मैं खुद खेल मंत्री रहा हूं, मैं पूरी तरह खिलाड़ियों (विरोध करने वाले पहलवानों) के साथ हूं। अगर मुझे (केंद्र) सरकार में उच्च-अधिकारी से बात करने की आवश्यकता है, तो मैं ऐसा करूंगा, ताकि इस मुद्दे का सम्मानपूर्वक समाधान हो सके।”
भाजपा और जेजेपी को घेर रहा विपक्ष
पहलवानों का मुद्दा राज्य में काफी असर छोड़ रहा है। यही वजह है कि हरियाणा में विपक्ष सत्तारूढ़ भाजपा और जेजेपी पर हमला कर रहा है। उन पर “सड़कों पर विरोध कर रही राज्य की बेटियों” की पर्याप्त देखभाल नहीं करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा नियमित रूप से पहलवानों के लिए अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए जंतर-मंतर विरोध स्थल का दौरा कर रहे हैं। पुलिस के साथ हाथापाई की खबरें आने के बाद दीपेंद्र हुड्डा जंतर-मंतर पहुंचने वाले पहले नेताओं में से थे।
हरियाणा में विपक्ष के नेता और दो बार के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी पहलवानों का दौरा किया और उन्हें अपना पूरा समर्थन दिया। गुरुवार की हाथापाई पर एक बयान में उन्होंने कहा: “पुलिस का काम पीड़ितों को प्रताड़ित करना नहीं है, बल्कि उन्हें न्याय दिलाना है। कल धरनास्थल से जो तस्वीरें आईं वो बेहद विचलित करने वाली हैं। यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि न्याय की लड़ाई है। सभी को राजनीति से ऊपर उठकर खिलाड़ियों का समर्थन करना चाहिए क्योंकि ये खिलाड़ी न केवल हमारे राज्य बल्कि पूरे देश का गौरव हैं।”
इनेलो के अभय चौटाला ने भी बृजभूषण के खिलाफ दर्ज एफआईआर में कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पहलवानों को राजनीतिक दलों के अलावा किसान संघों, खापों, गांवों और स्थानीय समुदायों का समर्थन मिल रहा है, जिनमें से कई ने समर्थन देने के लिए दिल्ली जाना शुरू कर दिया है। जंतर-मंतर पर हंगामे के बाद दिल्ली पुलिस ने गश्त और सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ा दी है और सीमावर्ती इलाकों में बड़ी संख्या में अवरोधक लगा रखे हैं।