प्रतापगढ़। गांव में अचानक बंदर आ जाए तो लोग परेशान हो जाता है। उनकी परेशानी यही होती है कि बंदर कब क्या कर दे। उसकी उछल कूद से गांव के खप्पर वाले घरों की खैर नहीं होती। लेकिन वहीं कोई बंदर हनुमान मंदिर पहुंच जाए और रामायण के पन्ने उलटने लगे तो फिर उसे क्या कहा जाएगा। इन दिनों एक ऐसी ही बंदर की वीडियो खूब वायरल हो रही है। जिसे देखने के बाद लोगों में इस बंदर को लेकर एक अलग ही आस्था जाग उठी है। यह बंदर पूरे नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
लोग बंदरों की हरकत से लोग परेशान रहते हैं। बंदरों की उछल कूद के चलते खप्पर वाले मकानों को नुकसान तो पहुंचता है। वहीं बाड़ी-बखरी में लगे फल, सब्जियों की खैर नहीं होती। लेकिन यहां मामला ठीक इसके उल्टा प्रस्तुत हुआ है। यूपी के प्रतापगढ़ जिले में एक बंदर का विडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। जहां बंदर हनुमान मंदिर पहुंच जाता है और रामायण की किताब के पन्नेा पलटने लगता है। वीडियो कुंडा कोतवाली के सुभाषनगर स्थित हनुमान मंदिर का बताया जा रहा है। बंदर की हरकत इलाके में चर्चा का केंद्र बनी हुई है।
मिली जानकारी के अनुसार बीते मंगलवार की शाम हनुमान मंदिर में सुंदरकांड का पाठ चल रहा था। शाम 7 बजे एक बंदर मंदिर परिसर में दाखिल हुए और उसने हनुमानजी की प्रतिमा के पास रखी रामायण की किताब को उठा कर वहीं सामने बैठ गया और पवित्र रामायण के पन्ने को पलटने लगा। लगभग 15 मिनट तक बंदर यह करता रहा। बस यही दृश्य देख मंदिर में पाठ कर रहे हनुमान भक्त इसको आस्था से जोड़कर देखने लगे। देखते ही देखते पूरा गांव मंदिर परिसर में जमा हो गया। सभी ग्रामीण बंदर को भगवान हनुमान का रूप मानते हुए दर्शन और पूजन कर अपने को धन्य मान रहे थे।
तकरीबन 20 मिनट तक बंदर मंदिर परिसर में रहा और उसके बाद वहां से चला गया। सुभाष नगर के रहने वाले विवेक इसको ईश्वर का चमत्कार मान रहे है। वीडियो लोगों के बीच चर्चा और आस्था का विषय बना हुआ है। इस वीडियो को स्थानीय ग्रामीणों द्वारा बना कर वायरल कर दिया गया। कुंडा इलाके के हनुमान मंदिर पर इस तरह से बंदर के द्वारा रामायण की किताब को उलट-पलट कर देखने की घटना से ग्रामीण हैरान हैं।
किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया।
किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया।
मंदिर पहुंचा बंदर चुपचार रामायण की किताब के पन्ने पलटते रहा। और उसके बाद वह किताब को कोई नुकसान पहुंचाए वहां से चला गया। इसके बाद वह चुपचाप चला गया। इस बंदर को गांव में भी नही दिखा।