हिंदू धर्म के अनुसार रामभक्त हनुमानजी (Hanuman ji) की पूजा व आराधना करना बहुत ख़ास होता है। जिसके चलते कई लोग प्रतिदिन हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ करते हैं। हनुमान चालीसा के पाठ से परेशानियां और सभी समस्याएं दूर होती हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके साथ ही ये पाठ करने से एक अलग ही ऊर्जा का संचार होता है। शास्त्रों के अनुसार हनुमान चालीसा का पाठ करने के कुछ नियम हैं। इसके साथ ही इस दौरान बरती जाने वाली सावधानियां भी शास्त्रों में दी गई हैं। इन सभी नियमों का पालन करके पाठ करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
हनुमान चालीसा करने के ये हैं नियम
– अगर हनुमान चालीसा का पाठ (Hanuman Chalisa ka path) मंदिर में घर में रखी भगवान की फोटो-मूर्ति के सामने नहीं कर रहे हैं तो पहले अपने मन में हनुमानजी के आराध्य प्रभु राम और फिर हनुमानजी का ध्यान करते हुए उनकी मूर्ति या तस्वीर को अवश्य स्थापित करें।
– बाद में हनुमान जी की मूर्ति के सामने तांबे या पीतल के लोटे में जल लेकर कुछ बूंदे हनुमानजी और हनुमान चालीसा पर चढ़ाएं। इसके साथ ही एक दीया और धूप भी जरूर जलाएं।
– अहम बात यह है कि हनुमानजी को सिंदूर का टीका लगाना न भूलें। इसके साथ ही उनके चरणों से टीका उठाकर स्वयं के माथे पर जरूर लगाएं। ध्यान रहे हनुमानजी की पूजा में सिंदूर के टीके का बेहद महत्व है।
-इसी के बाद पूरे मन से हनुमान चालीसा का पाठ शुरू करें। प्रयास करें कि इस दौरान आपका मन हनुमानजी पर ही केंद्रित रहे और यहां-वहां की बातें न सोचें।
जरूरी सावधानियां
– हमेशा मंगलवार या शनिवार के दिन ही हनुमान चालीसा का पाठ शुरू करें।
– सभी प्रकार के पूजा-अनुष्ठान की तरह ही हनुमान चालीसा का पाठ भी स्नान करके और साफ कपड़े पहनकर ही करना चाहिए।
– हनुमान चालीसा का पाठ करते वक्त कभी सीधे जमीन पर न बैठें, बल्कि आसन का इस्तेमाल करें।