प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लखनऊ में (In lucknow) स्पेशल कोर्ट (Special Court) को बताया कि (Told That) जांच से पता चला है कि पीएफआई (PFI) और उसके संबंधित संस्थाओं (Its Related Entities) के खातों में (In the Accounts) 120 करोड़ रुपये (ज्यादातर नकद) जमा हुए (Rs. 120 Crores Deposited) । यह संगठन गैरकानूनी गतिविधियों के लिए धन इकठ्ठा कर रहा था।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बीते गुरुवार को देश के कई हिस्सों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी के बाद ईडी ने पीएफआई के चार अहम सदस्यों को गिरफ्तार किया था। केरल के कोझीकोड से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के नेता मोहम्मद शफीक पायथ को भी ईडी ने गिरफ्तार किया था।
रिमांड एप्लीकेशन में जांच अधिकारी ने बताया कि ईडी, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा दर्ज मामलों के आधार पर पीएफआई और उससे संबंधित व्यक्तियों / संस्थाओं के खिलाफ पीएमएलए के तहत जांच कर रहा था। इसके साथ ही ईडी ने यह भी बताया कि आरोपी ने इस साल 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटना यात्रा के दौरान अशांति फैलाने के इरादे से एक आतंकवादी गिरोह बनाने की योजना भी बनाई थी।
ईडी के जांच अधिकारी ने अदालत को बताया, “शफीक पायथ को 22 सितंबर को सुबह 5.35 बजे कोझीकोड स्थित उनके फ्लैट से गिरफ्तार किया गया था। ये मामले पीएफआई और उससे संबंधित व्यक्तियों/संगठनों द्वारा सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने, आतंक फैलाने, सांप्रदायिक दंगे भड़काने, विस्फोटकों और हथियारों का इस्तेमाल करने के लिए अपने कैडर को प्रशिक्षण देने के इरादे से आपराधिक साजिश में शामिल होने के लिए की गई गैरकानूनी गतिविधियों से संबंधित हैं। जांच अधिकारी ने यह भी बताया कि शफीक पायथ ने एक आतंकवादी गिरोह बनाया और कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों और संवेदनशील स्थानों पर एक साथ हमले शुरू करने के लिए घातक हथियार और विस्फोटक उपकरण इकठ्ठा किया।
जांच अधिकारी ने यह भी बताया, “जांच से पता चला है कि पीएफआई के सदस्य और सीएफआई के राष्ट्रीय महासचिव के ए रऊफ शरिफ ने विदेशों में पीएफआई/ सीएफआई सदस्यों के साथ मिलकर एक आपराधिक साजिश रची, ताकि अंतरराष्ट्रीय व्यापार से संबंधित भुगतान की आड़ में विदेशों से 1.36 करोड़ रुपये का धोखाधड़ी से ट्रांसफर किया जा सके। रऊफ ने खुलासा किया कि पायथ कतर में पीएफआई का सदस्य था और धन उसके (पायथ) द्वारा ट्रांसफर किया गया था, जो रऊफ और उसके सहयोगियों द्वारा प्राप्त किया गया। रऊफ के दिल्ली के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन सहित चार सहयोगी सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए हाथरस जा रहे थे और उन्हें यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
महाराष्ट्र में पीएफआई पर छापेमारी के विरोध में इसके समर्थक और कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। विरोध प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए। पुणे भाजपा के जिला अध्यक्ष जगदीश मुलिक ने कहा, “पीएफआई के विरोध के दौरान पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए भाजपा आज पुणे के पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता से मुलाकात करेगी।”