म्यांमार के सैन्य प्रमुख सीनियर जनरल मिन आंग हैंग ने कहा है कि वह एक फरवरी को किए तख्तापलट के बाद अब यहां नागरिक शासन लाना चाहते हैं। अगर परिस्थितियों ने साथ दिया तो 12 या 18 महीनों के अंदर ही फिर से नागरिक शासन लाया जा सकेगा। सीनियर जनरल मिन आंग हैंग ने शनिवार को विदेशी मीडिया को दिए अपने पहले साक्षात्कार में हालांकि यह नहीं बताया कि नागरिक सरकार स्थापित करने के लिए वह चुनाव कब कराएंगे।
कुछ समय के लिए ही सैन्य शासन
म्यांमार के सैन्य शासक ने कहा कि उनका सैन्य शासन लाने का मकसद देश में बहुदलीय लोकतांत्रिक व्यवस्था के साथ केंद्रीय शासन लाना था। उन्होंने यह जताने की कोशिश की कि म्यांमार में कुछ समय के लिए ही वह सैन्य शासन लाए हैं। ताकि वह तब तक तख्तापलट के विरोधियों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ अपनी समझ बेहतर कर लें।
नागरिकों के मारे जाने की रिपोर्टों को किया खारिज
हालांकि उन्होंने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया कि सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 800 से अधिक नागरिक मारे गए हैं। मारे गए लोगों की यह संख्या म्यांमार के एक मानवाधिकार संगठन ने बताई थी।
ईयू ने नहीं मानी जुंटा की योजना
यूरोपीय संघ ने म्यांमार के जुंटा के नियुक्त किए गए चुनाव आयुक्त के प्रस्ताव को नामंजूर करते हुए कहा कि नेशनल लीड आफ डेमोक्रेसी (एनएलडी) की अपदस्थ नेता आंग सान सू की पार्टी को भंग करने की मांग नहीं मानी जाएगी।