सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को विभिन्न राज्यों में कोरोना वायरस की टेस्टिंग की फीस के बड़े अंतर पर संज्ञान लिया। इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए कहा। अदालत ने कहा कि सभी राज्यों को रोगियों की उचित देखभाल सुनिश्चित करने के लिए अस्पतालों का निरीक्षण करने के लिए विशेषज्ञों का पैनल गठित करना चाहिए।
जस्टिस अशोक भूषण, एस के कौल और एम आर शाह की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि सभी राज्यों में COVID-19 टेस्टिंग की फीस में एकरूपता होनी चाहिए। अदालत ने कहा कि वह मरीजों की देखभाल की निगरानी सुनिश्चित करने के लिए अस्पतालों में सीसीटीवी लगाने के आदेश को पारित करने पर भी विचार कर सकती है।
गौरतलब है कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए देश में टेस्टिंग की अलग-अलग दरों को लेकर सरकार से मांग की जा रही है कि इसमें एकरूपता लाई जाए। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निजी अस्पतालों को कोरोना के मरीजों का उचित इलाज करने का निर्देश दिया था, ताकि कोरोना के इलाज के लिए वसूली जा रही भारी रकम से परेशान लोगों को राहत मिल सके।