अपने इतिहास का सबसे अड़ा आर्थिक संकट (Economic Crisis) झेल रहे पाकिस्तान (Pakistan) में राजनीतिक घमासान तो चरम पर है ही, महंगाई (Inflation) भी थमने का नाम नहीं ले रही है। लगातार दूसरे महीने देश में महंगाई दर एशिया में सबसे ज्यादा रही है। कंगाली की कगार पर पहुंच चुके पाकिस्तान में अप्रैल महीने में जहां मुद्रास्फीति 36.4 फीसदी रही थी, तो वहीं मई महीने में ये और बढ़कर 38 फीसदी के स्तर पर जा पहुंची है।
बजट से पहले महंगाई का अटैक
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, बड़ी आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही पाकिस्तान सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले राष्ट्रीय बजट (Pakistan Budget) से कुछ ही दिन पहले, देश में मुद्रास्फीति एक और नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई है। पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स द्वारा गुरुवार को जारी किए आंकड़ों के मुताबिक, सालाना आधार पर मई 2023 में महंगाई दर 37.97 फीसदी की दर से बढ़ी हैं।
देश में महंगाई (Pakistan Inflation) के इन आकंड़ों में सबसे ज्यादा योगदान खाने-पीने की चीजों की कीमतों में इजाफे ने दिया है। इसके अलावा साल-दर-साल आधार पर सबसे अधिक वृद्धि मादक पेय और तंबाकू की श्रेणियों में 123.96 फीसदी, मनोरंजन और संस्कृति में 72.17 फीसदी और परिवहन में 52.92 फीसदी दर्ज की गई है।
रोटी-चावल-चाय पहुंच से बाहर
पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (PBS) के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिन खाने-पीने की चीजों पर महंगाई की मार सबसे ज्यादा पड़ी है, उनमें आलू, गेहूं का आटा, दूध, चाय, गेहूं, अंडे और चावल ऊपर हैं। गैर-खाद्य पदार्थों की कैटेगरी में किताबें, स्टेशनरी, मोटर ईंधन, साबुन-डिटर्जेंट और माचिस की कीमतों में सालाना आधार में जोरदार इजाफा देखा गया है। इसके अलावा सिगरेट की कीमतों में भी जोरदार तेजी देखने को मिली है।
पाकिस्तान में खाद्य पदार्थों की कीमतों पर एक नजर
आटा 2400-2900 रुपये/20 किलो
दूध 180.75 रुपये/लीटर
ब्रेड 129.02 रुपये/500 ग्राम
चावल 286.29 रुपये/किलो
अंडे 288.52 रुपये/12पीस
चिकन 655.52 रुपये/किलो
सेव 268.44 रुपये/किलो
केला 158.11 रुपये/किलो
संतरा 210.38 रुपये/किलो
आलू 75.17 रुपये/किलो
टमाटर 134.27 रुपये/किलो
देश को भंवर से निकालने में सरकार नाकाम
महंगाई के कोहराम के बीच पिसती जनता पेट भरने के लिए मरने-मारने तक को मजबूर है और भयावह हालातों की कई तस्वीरें और वीडियो आए दिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इस बीच पहले से बदहाल पाकिस्तान में राजनीतिक घमासान के बीच आर्थिक संकट और भी गहराता जा रहा है। कर्ज का बोझ, डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोर होती पाकिस्तानी करेंसी और घटते-घटते लगभग खत्म होने की कगार पर पहुंच चुके विदेशी मुद्रा भंडार से स्थिति और भी खराब होती जा रही है। वहीं शहबाज शरीफ सरकार इस भंवर से निकलने में नाकाम हो रही है।
बीते 11 महीनों में इतनी बढ़ी महंगाई
पाकिस्तान में लगातार बढ़ती महंगाई ने लोगों की थाली से रोटी, चावल, दाल को गायब कर दिया है। लोगो आटे की लूट कर रहे हैं। देश में महंगाई दर सीपीआई में हुई इस ताजा बढ़ोत्तरी के बाद बीते 11 महीनों में मुद्रास्फीति में 29.16 फीसदी का उछाल आया है। पाकिस्तान सरकार लगातार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से बेलआउट पैकेज की पहली किस्त रिलीज करने की गुहार लगा रही है, लेकिन अभी तक IMF ने इसे मंजूरी नहीं दी है। वहीं दूसरे देश भी मदद के लिए आगे नहीं आ रहे हैं।