एनसीआर में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के साथ ही उत्तर प्रदेश में भी संकट बढ़ता जा रहा है। प्रदेश के कई शहरों में प्रदूषण का स्तर कई गुना बढ़ गया है। हवाओं में भारी, जहरीले तत्वों की सघनता बढ़ती जा रही है। लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, गोरखपुर जैसे शहरों में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक हानिकरक स्तर पर पहुंच गयी है। इससे पहले फिरोजाबाद, आगरा का एयर क्वालिटी इंडेक्स देश में सबसे ज्यादा हो गया था। फिरोजाबाद को का एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ने से सांस लेना मुश्किल हो गया था। उत्तर प्रदेश के कानपुर में भी प्रदूषण के आंकड़े दिल्ली की तरह बढ़ने लगे हैं। कानपुर में प्रदूषण लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। यहां पर एयर क्लालिटी इंडेक्स लेवल 300 को पार कर गया। मंगलवार सुबह की शुरुआत धुंध के साथ हो रही है। जिसको लोग कोहरा मान रहे हैं जबकि यह हवाओं के खराब मानक और प्रदूषण की स्थिति है। जहरीली हवाओं की वजह से हृदय रोगियों की संख्या बढ़ रही है और लोगों के लंग्स में इंफेक्शन हो रहा है। सांस लेने में तकलीफ होने के कारण ओपीडी में लगातार मरीज भी बढ़ रहे हैं। प्रशासन की लापरवाही की भी एक बड़ी तस्वीर सामने आ रही है। शहर में सुबह तड़के नियमों को ताक पर रखकर जगह-जगह कूड़ा जला दिया जाता है। कूड़ा जलाये जाने से प्रदूषण और बढ़ता है। फिलहाल प्रशासन दावे कर रहा है, मगर हकीकत में प्रदूषण को रोकने के प्रयास नाकाफी साबित हो रहा है।
मेरठ में बढ़ी सांस लेने की बीमारी
दिल्ली के करीब में एनसीआर में शामिल मेरठ की हालत खराब होती जा रही है। कई दिनों से मेरठ में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। आज भी यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 302 है जो रेड जोन में आता है। वायु प्रदूषण की वजह से लोग सांस संबंधी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। एयर क्वालिटी इंडेक्स के खतरनाक स्तर को देखते हुए मेरठ नगर निगम की गाड़ी शहर में घूम घूमकर पानी का छिड़काव कर रही है। विशेष तौर पर पानी के छिड़काव के लिए बनी गाड़ी से शहर में स्प्रे किया जा रहा है। वेस्ट यूपी के अन्य जिलों की बात की जाए तो बागपत का एक्यूआई 348 बुलंदशहर का एक्यूआई 288 गाजियाबाद 345 हापुड़ 296 मुजफ्फरनगर का एक्यूआई आज 316 मापा गया है।
प्रयागराज की आबोहवा भी जहरीली
संगम नगरी प्रयागराज की हवायें भी जहरीली होने लगी है। प्रयागराज के वातावरण में स्मॉग का जहर तेजी से घुलने लगा है। पिछले एक पखवाड़े से संगम नगरी में जहां धुन्ध और कोहरे का असर देखा जा रहा है तो वहीं स्मॉग के छाने से भी लोगों को कई तरह की दिक्कतें पेश आ रही हैं। मार्निंग वॉक के लिए निकलने वाले लोगों से लेकर सड़क पर चलने वाले लोगों को वातावरण में घुले स्मॉग से सांस लेने की समस्या भी शुरू हो गयी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में बीस सबसे प्रदूषित शहरों में अकेले भारत के 15 शहर शामिल हैं। उत्तर प्रदेश के कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, लखनऊ आगरा और फिरोजाबाद की हवायें सबसे ज्यादा खराब हैं।