व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पांच महीने तक चले विवाद के बाद व्हाट्सएप ने 15 मई से अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी भारत समेत कई देशों में लागू कर दी है। व्हाट्सएप की पॉलिसी को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार और व्हाट्सएप से जवाब मांगा था। इसी बीच इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने व्हाट्सएप को अपनी नई पॉलिसी को वापस लेने का आदेश दिया है। मंत्रालय की ओर से इस संबंध में एक पत्र भी भेजा गया है।
व्हाट्सएप को भेजे गए एक पत्र में मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी भारतीय यूजर्स की निजता, डाटा सिक्योरिटी के अधिकार को खत्म करने वाली है। पत्र में कहा गया है कि करोड़ों भारतीय यूजर्स कम्यूनिकेशन के लिए प्रमुख रूप से व्हाट्सएप पर निर्भर हैं। व्हाट्सएप की नई पॉलिसी को लागू करके कंपनी ने गैर-जिम्मेदार होनेा का प्रमाण दिया है।
नई पॉलिसी को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में मामला अभी विचाराधीन है। मंत्रालय ने साफतौर पर कहा है कि व्हाट्सएप की नई पॉलिसी कई भारतीय कानूनों को तोड़ने वाली है। मंत्रालय ने व्हाट्सएप से सात दिनों के अंदर जवाब मांगा है और यह भी कहा है कि यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो व्हाट्सएप के खिलाफ कठोर कदम उठाए जा सकते हैं।
बता दें कि व्हाटसएप की प्राइवेसी पॉलिसी 15 मई से लागू हो गई है। WhatsApp ने कहा है कि यदि आप उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार नहीं करते हैं तो वह आपके अकाउंट को डिलीट नहीं करेगा लेकिन धीरे-धीरे सभी फीचर्स को बंद कर देगा, मसलन आपको किसी के मैसेज आने का नोटिफिकेशन तो दिखगा लेकिन आप उसे पढ़ नहीं पाएंगे।