उत्तर प्रदेश में कोरोना से मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. अकेले कानपुर में बुधवार को 56 कोरोना मरीजों की मौत हो गई, जबकि सोमवार को 57 मरीज अपनी जान गंवा चुके हैं. एक तरफ शहर में मौत का मातम पसरा हुआ है तो दूसरी तरफ लापरवाही खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. कानपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में 34 वेंटिलेटर खराब पड़े हैं. कानपुर के हैलट अस्पताल को कोविड हॉस्पिटल में तब्दील किया गया है. यहां कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है, लेकिन कई मरीज अभी भी अस्पताल में बेड के लिए तरस रहे हैं. हैलट कोविड हॉस्पिटल की अधीक्षक डॉक्टर ज्योति सक्सेना का कहना है कि हॉस्पिटल में बेड तो है, लेकिन उन तक ऑक्सीजन लाइन नहीं है, बेड बढ़ा देंगे, लेकिन ऑक्सीजन कैसे पहुंचाएंगे?
इसके साथ ही हैलट कोविड हॉस्पिटल की अधीक्षक डॉक्टर ज्योति सक्सेना का कहना है कि हमारे यहां 120 कोविड वेंटिलेटर है, जिसमें 34 खराब हैं. इन वेंटिलेटर को सही कराने के लिए हैलट प्रशासन लगातार चिट्ठी लिख रहा है, लेकिन अभी तक जिले का कोई जिम्मेदार अधिकारी इस पर तुरंत संज्ञान लेता हुआ नहीं दिख रहा है. हैलट कोविड हॉस्पिटल में अगर 34 खराब वेंटिलेटर सही हो जाए तो वे कितने कोरोना मरीजों की जान बचा सकते हैं, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. लोग बेड, ऑक्सीजन की कमी में दम तोड़ रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से वेंटिलेटर तक नहीं सही कराया जा पा रहा है. इस बीच कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने आक्सीजन बैंक की स्थापना की है, जिसका मकसद हर जरूरत मंद को ऑक्सीजन उपलब्ध कराना है. पुलिस कमिश्नर ने अपील की कि जिन लोगों को सिलेंडर की जरूरत पूरी हो चुकी हो वो इन्हें पुलिस लाइन स्थित बैंक में जमा कराएं, अगर उन्हें दोबारा जरूरत महसूस होती है तो तत्काल वापस कर दिया जायेगा.