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सफलता के शिखर तक पहुँचने के लिए चाणक्य के ये चार गुरुमंत्र को जरूर रखें याद

आचार्य चाणक्य कोई साधारण व्यक्तित्व नहीं थे. वे एक महान कूटनीतिज्ञ और राजनीतिज्ञ थे. अपने जीवन में उन्होंने करीब-करीब हर क्षेत्र को बारीकी से परखा. उन्हें नीतिशास्त्र और अर्थशास्त्र का जनक भी कहा जाता है. चाणक्य ने अपनी कुशल नीतियों के बल पर ही एक साधारण से बालक को सम्राट बना दिया था. अपने जीवन के तमाम अनुभवों को उन्होंने चाणक्य नीति के जरिए लोगों से साझा किया है. यहां हम आपको बताने जा रहे हैं आचार्य के वो गुरू मंत्र जो आपको सफलता के शिखर तक ले जा सकते हैं.

1. आचार्य चाणक्य का कहना था कि यदि जीवन में सफलता प्राप्त करनी है तो सबसे पहले समय की कद्र करना सीखें. जो लोग वक्त के महत्व को समझते हैं, वो वर्तमान में जीते हैं और हर क्षण का सदुपयोग करते हैं. चाणक्य का कहना था कि वक्त का कुछ पता नहीं होता, आज अगर वक्त आपके अनुकूल है, तो हो सकता है कल स्थितियां विपरीत हों. इसलिए आज का हर क्षण का सही प्रयोग करें ताकि भविष्य में आपको संकट से न जूझना पड़े.

2. यदि आप जीवन में वाकई आगे बढ़ना चाहते हैं तो हमेशा वाणी मधुर रखिए. आचार्य चाणक्य के अनुसार जो लोग गंदी भाषा का प्रयोग करते हैं, वो बहुत जल्दी बर्बाद भी हो जाते हैं.

3. चाणक्य का कहना था कि गलत आदत और गलत संगत व्यक्ति को बर्बाद कर देती है. इसलिए हर व्यक्ति को ये याद रखना चाहिए कि यदि कोई आपसे दोस्ती कर रहा है तो उसका कहीं न कहीं कोई स्वार्थ जरूर निहित है. इस बात पर विचार करके ही उसके साथ आगे बढ़ना चाहिए और गलत संगत को फौरन छोड़ देना चाहिए.

4. आचार्य चाणक्य की नीति कहती है कि ज्ञानी पुरुष भी उस समय दुखी हो जाता है जब वह किसी मूर्ख व्यक्ति का उपदेश सुनता है. इसलिए हमेशा उन्हीं लोगों की संगत में रहिए जो सकारात्मक नजरिया और व्यवहार रखते हों. नकारात्मक लोग आपको आपके लक्ष्य से दूर कर देते हैं इसलिए उनसे दूरी बनाकर रखिए.