कोरोना संकट के बीच देश अथव्यवस्था को पटरी पर लेन के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी कड़ी में सरकार श्रम कानून में का बड़े बदलाव पर विचार कर रही है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो काम के घंटे में बड़ा बदलाव हो सकता है।अब लोगों को 8 के बदले 12 घंटे काम करना पड़ सकता है। हालांकि सप्ताहिक काम के घंटे 48 (6 दिन X आठ घंटे, एक साप्ताहिक छुट्टी के साथ) ही रहेंगे। यह नया लेबर कोड देश में मौजूदा 13 केंद्रीय श्रम कानूनों की जगह लेगा।
हालांकि 19 नवंबर 2020 को अधिसूचित इस मसौदे में साप्ताहिक कार्य घंटे को 48 घंटे पर बरकरार रखा गया है। मौजूदा प्रवाधानों के तहत आठ घंटे के कार्यदिवस में कार्य सप्ताह छह दिन का होता है तथा एक दिन अवकाश का होता है।
श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक ‘यह भारत की विषम जलवायु परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए किया गया है, जहां काम पूरे दिन में बंटा हुआ होता है। इससे श्रमिकों को ओवरटाइम भत्ता के माध्यम से अधिक कमाई करने की सुविधा मिलेगी।’
साथ ही उन्होंने कहा की ‘हमने मसौदा नियमों में आवश्यक प्रावधान किया है ताकि आठ घंटे से अधिक काम करने वाले सभी श्रमिकों को ओवरटाइम मिल सके।’ बताया जा रहा है की श्रम मंत्रालय के इस प्रस्ताव के अमल में आने से श्रमिकों को ओवरटाइम भत्ता के जरिए अधिक कमाई करने की अतिरिक्त सुविधा मिल जाएगी। ओएसएच संहिता के मसौदा नियमों के अनुसार किसी भी दिन ओवरटाइम की गणना में 15 से 30 मिनट के समय को 30 मिनट गिना जाएगा।
ड्राफ्ट नियमों में किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम कराने को प्रतिबंधित किया गया है। कर्मचारियों को हर पांच घंटे के बाद आधा घंटे का विश्राम देने के निर्देश भी ड्राफ्ट नियमों में शामिल हैं।