भारतीय शेयर बाजार के लिए गुरुवार का कारोबारी सत्र नुकसान वाला रहा। कंपनियों द्वारा मार्च तिमाही के अनुमान से कमजोर नतीजे पेश के कारण बाजार में चौतरफा गिरावट देखने को मिली। बीएसई सेंसेक्स 1,062 अंक या 1.45 प्रतिशत गिरकर 72,404 और निफ्टी 345 अंक या 1.55 प्रतिशत गिरकर 21,957 अंक पर बंद हुआ।
बाजार में लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों पर अधिक दबाव देखा गया। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 927 अंक या 1.85 प्रतिशत गिरकर 49,109 अंक पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 465 अंक या 2.83 प्रतिशत गिरकर 15,995 पर बंद हुआ। गिरावट के चलते निवेशकों के करीब सात लाख करोड़ डूब गए। बाजार में उथल-पुथल को दर्शाने वाले इंडिया विक्स में आज 6.56 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया और यह 18.20 अंक पर बंद हुआ। कारोबारी सत्र में ऑटो इंडेक्स को छोड़कर बाकी सभी इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए।
गिरावट का सबसे ज्यादा असर एफएमसीजी, मेटल, रियल्टी, एनर्जी, इन्फ्रा, कमोडिटी और पीएसई इंडेक्स पर देखा गया है। ये सभी 2 प्रतिशत से लेकर 3.4 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुए। सेंसेक्स के 30 में 25 शेयर लाल निशान में बंद हुए हैं। टॉप 5 लूजर्स में एलएंडटी, एशियन पेंट्स, जेएसडब्लू स्टील, आईटीसी और बजाज फाइनेंस थे। वहीं, टाटा मोटर्स, एमएंडएम, एसबीआई, एचसीएल चेक और इन्फोसिस गेनर्स की लिस्ट में थे। स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, “चुनावी नतीजों पर अनिश्चितता के कारण बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है। इस मंदी के पीछे फिलहाल कोई बड़ा वैश्विक कारण नहीं है। अब तक एफआईआई बेच रहे थे और घरेलू निवेशक बाजार में खरीदारी कर रहे थे, लेकिन चुनाव जैसा बड़ा इवेंट होने के कारण घरेलू निवेशकों ने खरीदारी कम कर दी है और एफआईआई लगातार बिकवाली कर रहे हैं। इस कारण बाजार में दबाव देखने को मिल रहा है।”