पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया. देश में शिक्षा के प्रचार- प्रसार को जोड़ने वाला यह स्लोगन आपको टीवी, अखबार और विज्ञापनों में खूब देखा होगा. लेकिन भारत जैसे देश में बेटियों की स्थिति को देखते हुए इस स्लोगन के पीछे बेटियों के लिए अनिवार्य शिक्षा का महत्वपूर्ण संदेश छुपा हुआ है. यहां पीएम मोदी भी कई मंचों से बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ का नारा दे चुके हैं. इस दिशा में यूपी ने काफी काम किया है. यहां न सिर्फ शहरों, गांवों और कस्बों तक बेटियों के लिए जरूरी शिक्षा का अभियान चलाया गया है, बल्कि प्रदेश की बेटियों को व्यावसायिक शिक्षा से भी जोड़ने की पहल की गई है.
इतना ही नहीं बेटियों को केंद्र में रखकर मिशन शक्ति भी चलाया जा रहा है. जबकि,सूबे की योगी सरकार बेटियों को सेल्फ डिफेंस के लिए भी प्रेरित कर रही है.बेटियों की क्वालिटी शिक्षा के लिए प्रदेश में अलग से कस्तूबरा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों को भी शुरू किया जा रहा है. ऐसे में कुल मिलाकर प्रदेश में आधी आबादी को शिक्षित करने को लेकर योगी सरकार प्रयासरत है.
आरोहिणी इनीशिएटिव से सक्षम हो रहीं कमजोर वर्ग की बेटियां
सीएम योगी के निर्देश पर कमजोर वर्ग की बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शिक्षा अभियान, एक एनजीओ के साथ मिलकर प्रदेश के सभी 746 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में आरोहिणी इनीशिएटिव ट्रेनिंग कार्यक्रम शुरू कर रहा है. इसके जरिए कमजोर वर्ग की बेटियों को सक्षम बनाने का प्रयास किया जा रहा है. साथ ही बेटियों को सक्षम बनाने के लिए टीचर्स को ट्रेनिंग उपलब्ध कराई जा रही है. टीचर्स के साथ-साथ बेटियों को डिबेट के जरिए और बेहतर किया जाएगा.
प्रदेश की बेटियां सीखेंगी आत्मरक्षा के गुर
यूपी के उच्च प्राथमिक विद्यालयों और कम्पोजिट विद्यालयों में बच्चियों को रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण योजना के तहत ट्रेनिंग दी जा रही है.आत्मरक्षा का उद्देश्य यह है कि बालिकाओं को प्रशिक्षण के माध्यम से शारीरिक व मानसिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा सके. ताकि वह किसी भी खराब स्थिति में बिना डरे उसका सामना कर सकें. सेल्फ डिफेंस के लिए आक्रमण सबसे बेहतर हथियार है कि मूल मंत्र को ध्यान में रखते हुए बालिकाओं के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण की कार्ययोजना तैयार की गई है.
बेटियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिलाएगी योगी सरकार
इतना ही नहीं, यूपी की बेटियों को शिक्षा के साथ-साथ कौशल विकास से भी जोड़ा जा रहा है. इसके तहत बेटियों को स्कूल में ही व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है. फिलहाल इसकी शुरुआत प्रदेश के कस्तूरबा बालिका विद्यालयों से की गई है. इस योजना के तहत कुल 54 कस्तूरबा बालिका विद्यालयों को नोटिफाई किया गया है, जहां व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसमें ट्रेनिंग पार्टनर संस्थाएं सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं.
इस दौरान बेटियों की प्री काउन्सलिंग के बाद उनकी रूचि के अनुसार ही उन्हें ट्रेड बांटे जा रहे हैं, स्कूलों में शत-प्रतिशत नामांकन का टारगेट रखा गया है. कौशल विकास मिशन भी लड़कियों को व्यावसायिक शिक्षा देने के लिए कई तरह के प्रोग्राम पूरे प्रदेश में चला रहा है. इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुछ महिला संवासिनी गृह में भी महिलाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिए जाने की शुरुआत की गई है.