राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा के बाद शरद पवार (Sharad Pawar) अपने रुख पर कायम हैं। उन्हें मनाने के बीच पार्टी में हलचल बढ़ गई है। पार्टी का एक धड़ा अजीत पवार (Ajit Pawar) को नए अध्यक्ष के रूप में देखना चाहता है, जबकि दूसरे गुट की कोशिश है कि शरद पवार अपनी बेटी सुप्रिया सुले (Supriya Sule) को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करें और रिमोट कंट्रोल से पार्टी चलाएं।
पवार के लिए हालांकि भतीजे अजीत पवार को किनारे करना आसान नहीं होगा। राकांपा के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने बुधवार को कहा, मेरी राय में शरद पवार को पार्टी अध्यक्ष बने रहना चाहिए। अगर, ऐसा नहीं होता है तो सुप्रिया को दिल्ली और अजीत पवार को राज्य की जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए। भुजबल का संकेत साफ है कि वे सुप्रिया को पार्टी के अध्यक्ष के रूप में देखना चाहते हैं।
पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं, एकमत
से होगा फैसला : पटेल…प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है। शरद पवार ने फैसले पर पुनर्विचार के लिए दो-तीन दिन का समय लिया है। उनके अंतिम फैसले के बाद ही आगे की चर्चा होगी।
महा विकास अघाड़ी संकट में, संयुक्त सभा रद्द
शरद पवार ने राज्य में भाजपा के खिलाफ जिस महाविकास अघाड़ी (एमवीए) का गठन किया था, उसके अस्तित्व पर संकट छा गया है। सत्ता से बेदखल होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस-एनसीपी के साथ मिलकर राज्य में भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता के प्रदर्शन के लिए संयुक्त रैली शुरू की थी जिसे ‘वज्रमूठ सभा’ नाम दिया गया था। लेकिन पवार के पद छोड़ने के बाद सभा रद्द कर दी गई है।
एक मई को एमवीए की वज्रमूठ सभा मुंबई के बीकेसी ग्राउंड पर हुई थी। इसके बाद नासिक, पुणे और कोल्हापुर में जनसभा होनी थी, लेकिन अब इसे रद्द कर दिया गया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि फिलहाल, गर्मी का मौसम है और उसके बाद बारिश शुरू होने वाली है। अब यह सभा होगी या नहीं, इसके बारे में कुछ नहीं कह सकते।