हिंदू धर्म में सप्ताह के हर दिन का विशेष महत्व होता है और शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है। जिन्हें न्याय का देवता भी माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं की मानें तो शनिदेव (Shanidev) सभी ग्रहों के स्वामी हैं और सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह हैं। शनिदेव हर व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं, जैसे जिसके कर्म होंगे वैसे ही उसे फल की प्राप्ति होगी। जो लोग सदैव बुरे कार्य करते हैं उन लोगों पर शनि की टेढ़ी नजर रहती है और जो व्यक्ति अच्छे कर्म करते हैं उन्हें जीवन में ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता और शनिदेव की कृपा से बिगड़े हुए काम बनने लगते हैं।
शनिवार के दिन शनिदेव की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है जिससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं। शास्त्रों में भी शनिवार के दिन विशेष पूजा का महत्व बताया गया है,ऐसा कहा जाता है कि जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या होती है उन्हें शनिवार के दिन पूजा अवश्य करनी चाहिए। इसके अलावा जिन लोगों से अनजाने में कोई गलती हो जाती है उन्हें शनि का प्रकोप कम करने के लिए कुछ खास उपाय करने चाहिए साथ ही उन गलतियों से बचना चाहिए जिससे शनिदेव नाराज हो सकते हैं।
शनिवार के दिन इन गलतियों से करें किनारा
- अगर शनिदेव के प्रकोप का सामना नहीं करना चाहते तो सदैव स्त्रियों का सम्मान करें, उन पर किसी भी प्रकार का मानसिक दबाव न बनाएं और न ही किसी तरह की हिंसा करें। महिलाओं को कष्ट देने से शनिदेव नाराज होते हैं।
- कुछ लोग पशु-पक्षियों और प्रकृति को नुकसान पहुंचाने में जरा भी नहीं कतराते लेकिन ऐसा करना शनि दोष का कारण बनता है। इसलिए भूलकर भी इस तरह की हरकतें नहीं करें।
- चूंकि शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है इसलिए कभी-भी अपने अधीन काम करने वालों के हितों का हनन नहीं करें। प्रत्येक व्यक्ति को उनका हक सम्मानपूर्वक और बिना मांगे दे।
- शनिदेव के प्रकोप का सामना नहीं करना चाहते तो अन्न का बिल्कुल भी अपमान ना करें। जो लोग अक्सर अन्न का अपमान करते हैं उनसे शनिदेव नाराज होते हैं।
- शनिदेव उन लोगों पर प्रसन्न होते हैं जो जरूरतमंद लोगों और असहाय लोगों की मदद करते हैं। इसलिए कभी-भी ऐसे लोगों की मदद करने से कतराएं नहीं बल्कि स्वंय आगे आकर मदद का हाथ बढ़ाएं।