बीते माह उत्तर प्रदेश को लेकर मिले अंदरूनी आकलन से चिंतित भाजपा नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश के लिए मिशन 2022 की रूपरेखा तैयार कर ली है। पार्टी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी इससे पूरी तरह अवगत करा दिया गया है। इसके तहत आने वाले छह से आठ महीनों में राज्य सरकार और भाजपा संगठन मिलकर विभिन्न मोर्चों पर मिशन मोड में काम करेगा। इसमें सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक मोर्चों को साधने के साथ जनता की नाराजगी को दूर करना और 2022 में सत्ता को बरकरार रखने की कार्ययोजना शामिल है।
पिछले महीने की शुरुआत में पांच विधानसभाओं के चुनावी नतीजे आने के ठीक बाद भाजपा नेतृत्व ने अगले साल चुनाव में जाने वाले राज्यों का आकलन किया। दरअसल, पंचायत चुनाव के नतीजों ने उसे समय रहते सतर्क कर दिया। सूत्रों के अनुसार, इसमें उत्तर प्रदेश को लेकर चिंता व्यक्त की गई थी। इसके बाद भाजपा और संघ नेतृत्व सक्रिय हुआ। इसके बाद विभिन्न स्तरों से भी फ़ीडबैक लिया गया। केंद्रीय स्तर से लेकर राज्य स्तर तक कई बैठकें हुई और केंद्रीय नेताओं के दौरे भी हुए। राज्य के नेताओं को भी दिल्ली बुलाया गया। सूत्रों के अनुसार, कोरोना की दूसरी लहर में लोगों के सामने आई दिक्कतों से सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ी है और इसमें विधायक और मंत्री तक शामिल हैं। सहयोगी दल पहले से ही नाराज चल रहे हैं। ऐसे में उसको चुनाव में काफी नुकसान होने की आशंका है। भाजपा नेतृत्व समय रहते इस नुक़सान की भरपाई करना चाहता हैं। समय जरूरी कदम न उठाने पर यह नुकसान बढ़ सकता है।