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लोकसभा चुनाव से पहले मायावती को झटका देने की तैयारी में शिरोमणि अकाली दल !

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) से पहले दलों का एक गठबंधन छोड़कर दूसरे के साथ जाना लगातार जारी है. कई दलों ने बीते महीने ही पाला बदला था. कुछ दल इंडिया गठबंधन से अलग हुए तो कई दल अभी गठबंधन से अलग राह बनाने में लगे हुए हैं. दूसरी ओर कई दल अभी बीजेपी के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन में आने की तैयारी कर रहे हैं. कुछ दलों की बीजेपी के साथ बातचीत अंतिम दौर में हैं.

आरएलडी की बीजेपी के साथ बातचीत लगातार चल रही है. दूसरी ओर अब बीएसपी को झटका लगते नजर आ रहा है. बीएसपी के साथ एक मात्र सहयोगी दल के तौर पर पंजाब में शिरोमणि अकाली दल है. लेकिन सूत्रों की माने तो अकाली दल अब फिर से बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन की राह तलाश रहा है. दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन पर चर्चा हो रही है. सूत्रों की मानें तो दोनों के बीच बातचीत अंतिम दौर में है.

मायावती ने चुन ली है राह
हालांकि अगर शिरोमणि अकाली दल फिर से एनडीए में आता है तो ये मायावती के लिए बड़ा झटका होगा. बीते पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले ही मायावती की पार्टी बीएसपी ने अकाली दल के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा था. हालांकि इस चुनाव में दोनों ही पार्टियों को इस गठबंधन से कोई फायदा होते हुए नजर नहीं आया. लेकिन दोनों पार्टियों ने आगे भी गठबंधन बने रहने की रणनीति पर काम किया.

 

लेकिन अब मायावती ने आगामी लोकसभा चुनाव में किसी गठबंधन के साथ नहीं जाने का फैसला किया है. जबकि दूसरी ओर सूत्रों की माने तो अगले कुछ दिनों में बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल के बीच गठबंधन का एलान हो सकता है. अगर इस गठबंधन का एलान होता है तो अकाली दल की फिर से एनडीए में वापसी हो जाएगी. बता दें कि अकाली दल बीजेपी की पुरानी सहयोगी पार्टी रही है. 1997 से लेकर सितंबर 2020 तक अकाली दल बीजेपी के साथ गठबंधन में रही है.