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लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने सेना के उप प्रमुख नियुक्त होने के बाद राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर दी श्रद्धांजलि

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने सेना के उप प्रमुख के रुप में नियुक्त होने के बाद राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि दी. देश में भले ही अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) की नियुक्ति नहीं हुई हो, लेकिन आज देश की दो अहम उत्तरी और पूर्वी सैन्य कमानों को नया मुखिया मिलने जा रहा है. सरकार आज पूर्वी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे (Lt Gen Manoj Pande) को सेना के अगले उप प्रमुख के रूप में नियुक्त करने जा रही है. उनके अलावा उत्तरी सैन्य कमान के प्रमुख के तौर पर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी और पूर्वी कमान के प्रमुख का जिम्मा लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता को मिलने वाला है. लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने एक जून को महत्वपूर्ण पूर्वी सेना कमान के नए कमांडर के रूप में कार्यभार संभाला था. इस कमान का मुख्यालय कोलकाता में है और यह कमान पूर्वी कमान सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश सेक्टरों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की निगरानी करती है.

जनरल पांडे लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती की जगह लेंगे. मोहांती चार दशकों की शानदार सेवा के बाद सोमवार को थल सेना से रिटायर हो गए. लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने इस पद को ऐसे समय पर संभाला था, जब पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध बना हुआ था. भारत और चीन के बीच लंबे समय से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव बना हुआ है. लेफ्टिनेंट जनरल पांडे अंडमान एवं निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ भी रह चुके हैं. लेफ्टिनेंट जनरल पांडे को दिसंबर 1982 में बॉम्बे सैपर्स में कमीशन दिया गया था. अपने करियर में उन्होंने सभी प्रकार के इलाकों में पारंपरिक और साथ ही आतंकवाद विरोधी अभियानों में कई प्रतिष्ठित कमान संभाली हैं.

लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता थल सेना के पूर्वी सेना कमान के नए प्रमुख यानी जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ होंगे. असम के रहने वाले लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप लेफ्टिनेंट जनरल यहां मनोज पांडे की जगह लेंगे. सेना का महत्वपूर्ण पूर्वी कमान पूर्वोत्तर राज्यों सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश क्षेत्रों में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा के लिए तैनात है. इसका मुख्यालय कोलकाता में है. सोमवार को भारतीय सेना की ओर से ट्वीट करके बताया गया कि लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती सेवानिवृत्त हो गए. एक सादे समारोह में लेफ्टिनेंट जनरल मोहंती ने बहादुर सैनिकों के सम्मान में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण किया और साउथ ब्लॉक लॉन में गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया. देहरादून स्थित इंडियन मिलिटरी कॉलेज और खड़कवासला स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीएस) से प्रशिक्षण प्राप्त मोहंती 12 जून 1982 को राजपूत रेजीमेंट में शमिल हुए थे.