जर्मन पुलिस ने प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के एक दहशतगर्द जसविंदर सिंह मुल्तानी को गिरफ्तार किया है। पिछले हफ्ते लुधियाना में हुए एक ब्लास्ट में मुल्तानी की संलिप्ता पाई गई है। इस मामले के जानकारों का यह भी कहना है कि मुल्तानी ने लुधियाना के अलावा दिल्ली और मुंबई में भी हमले की साजिश रची थी।
SFJ का दहशतगर्द धराया
जर्मन पुलिस ने सिख फॉर जस्टिस के एक वर्कर जसविंदर सिंह मुल्तानी को जर्मनी में धर दबोचा है। बताया जा रहा है कि मुल्तानी ने पंजाब में अभी और ब्लास्ट कराने के अलावा दिल्ली और मुंबई में भी आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की गहरी साजिश रची थी। मुल्तानी को खालिस्तानी आतंकवादी बताया जा रहा है। वो जर्मनी के एरफर्ट में रह रहा था। मुल्तानी एसएफजे से जुड़ा हुआ है और यह संगठन अलगावादी एक्टिविटी में काफी सक्रिय माना जाता है। मोदी सरकार ने जर्मन प्रशासन से मुल्तानी को गिरफ्तार करने का आग्रह किया था। जिसके बाद उसे अरेस्ट किया गया है। मुल्तानी की गिरफ्तारी भारत और जर्मनी के बीच उच्चस्तरीय डिप्लोमैटिक बातचीत के बाद हुई है।
कैसा संगठन है सिख फॉर जस्टिस
यहां आपको बता दें कि सिख फॉर जस्टिस को लेकर कहा जाता है कि साल 2007 में इस संगठन की नींव पड़ी थी। यह यूएस-आधारित एक संगठन है। यह संगठन सिखों के लिए अलग पंजाब की मांग करता आया है। साल 2019 में भारत सरकार ने इसे गैर-कानूनी गतिविधि एक्ट के तहत प्रतिबंधित कर दिया था। इस संगठन पर पंजाब में हिंसा और आतंकवाद फैलाने का आरोप है।
मुल्तानी कैसे आया चर्चा में?
जसविंदर सिंह मुल्तानी के बारे में कहा जा रहा है कि उसने पंजाब में हैंड ग्रेनेड, विस्फोटक और हथियारों की एक बड़ी खेप पंजाब के भीतर पहुंचाई। इसके बाद वो अचानक सुर्खियों में आ गया। बताया जाता है कि उसने इस काम में पाकिस्तान के कुछ हथियार तस्करों की मदद ली और फिर पंजाब के विभिन्न हिस्सों में यह गैर-कानूनी सामान पहुंचाए।
हाल ही में मिली कुछ गुप्त सूचनाओं के मुताबिक मुल्तानी अपने पाकिस्तानी सहयोगियों के जरिए और भी विस्फोटक पंजाब में भेजने की तैयारी में था ताकि वहां दहशत फैलाया जा सके। मुल्तानी अपने खालिस्तानी आकाओं मसलन- हरदीप सिंह निज्जर, परमजीत सिंह पामा, साबी सिंह, कुलवंत सिंह मोथाडा और अन्य लोगों का काफी करीबी भी है।
SFJ के ठिकाने पर छापेमारी
पिछले महीने ब्रिटेन की पुलिस ने SFJ के कार्यालय पर छापेमारी की थी। यहां से कुछ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और कागजात पुलिस अपने साथ ले गई थी। नवंबर के महीने में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कनाडा की सरकार से आग्रह किया था कि वो सिख फॉर जस्टिस को आतंकवादी संगठन घोषित करे। इसके अलावा सितंबर के महीने में पंजाब पुलिस ने एसएफजे मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए इसके तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया था।