भारत-चीन में ईस्टर्न लद्दाख में तनाव बरकरार है। ताजा जानकारी के मुताबिक पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे यानी फिंगर एरिया में अब भारतीय सैनिकों की तैनाती अहम हाइट्स (ऊंचाइयों) पर की गई है। सूत्रों के मुताबिक चीनी सैनिक यहां पर फिंगर-4 की चोटी पर डटे हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक अब भारतीय सेना ने वहां पर ऐसी पॉजिशन पर कब्जा कर लिया है जो फिंगर-4 से भी ऊंची है। एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक वहां पर हम अब अपने ही इलाके में ऐसी हाइट्स पर तैनात हैं जो फिंगर-4 को भी डोमिनेट करती है।
दरअसल भारतीय चीन सीमा पर 45 वर्षों में पहली बार गोलियां चली हैं। चीन के सैनिक सोमवार को भारतीय सीमा के अंदर पूर्वी लद्दाख रेजांग-ला रिज लाइन के मुखपारी क्षेत्र में घातक हथियारों के साथ घुसे और गोलियां चलाईं। इससे पहले एलएसी पर गोली चलने की घटना 1975 में हुई थी। यही वजह है कि ये घटना गलवान घाटी से भी ज्यादा बड़ी हो गई है।
एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि चीन टैंक तैनात कर और बिल्डअप कर भारत पर दबाव बनाने को कोशिश कर रहा है। चीन ने पैंगोंग झील के दक्षिण किनारे स्पांगुर गैप के पास ही करीब 15-20 टैंक तैनात किए हैं। सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को चीनी सेना ने दक्षिणी पैंगोंग की भारतीय फॉरवर्ड चौकियों पर कब्जे की कोशिश की थी। इस दौरान पोल स्वार्ड और ऑटोमेटिक रायफल के साथ पहुंचे चीनी सैनिकों ने भारतीय तारबंदी (वायर ऑब्सटिकल) को भी निकालने की कोशिश की थी। पैंगोंग झील के दक्षिण किनारे में जिन जिन हाइट्स पर भारतीय सैनिक तैनात हैं वहां पर अपने इलाके में भारतीय सेना ने वायर ऑब्सटिकल लगा रखी हैं। भारत ने चीनी सैनिकों को सख्त चेतावनी दी है कि वह इस तारबंदी को पार करने की कोशिश ना करें।