लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध की आड़ में हिंसा फैला चुके संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) ने अब प्रदेश में बड़े ब्लास्ट की प्लानिंग की गई थी। इस बार उसका आतंकी चेहरा सामने आ गया है। वसंत पंचमी के मौके पर लखनऊ और आसपास में होने वाले हिंदू संगठनों के कार्यक्रमों व महत्वपूर्ण जगहों पर आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए पीएफआइ के दो आतंकी केरल से लखनऊ आ गए थे, मगर वह अपनी इस साजिश में कामयाब हो पाते उससे पहले ही स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने दोनों आतंकी को गिरफ्तार कर लिया।
एसटीएफ ने विस्फोटक व हथियार बरामद किया और साथ ही आतंकी हमले की इस खौफनाक साजिश का पर्दाफाश कर दिया। बता दें कि पीएफआइ के निशाने पर कई बड़े नेता भी थे। उनका इरादा देश के अलग-अलग स्थानों में हिंदूवादी संगठनों के नेताओं की सीरियल किलिंग का था। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया पीएफआइ के कमांडर केरल निवासी अन्सद बदरुद्दीन व केरल के ही निवासी फिरोज खान को मंगलवार शाम लगभग 6:30 बजे कुकरैल तिराहे के पास से गिरफ्तार किया गया है।
जब दोनों से पूछताछ की गई तो पता चला कि देश के विभिन्न हिस्सों में एक-साथ आतंकी हमले की साजिश रची गई थी। दोनों आरोपित प्रदेश में वसंत पंचमी के अवसर पर ब्लास्ट करने की प्लानिंग में शामिल थे। उन लोगों ने आगे बताया कि फिरोज युवकों को हथियार चलाने व बम बनाने की ट्रेनिंग देता था। आशंका है कि इस पूरी योजना के लिए विदेश से फंडिंग भी की गई है। हालांकि पुलिस अधिकारी अभी ऐसे कई बिंदुओं पर जांच व पड़ताल किए जाने की बात कह रहे हैं। दोनों के पास से हिंदूवादी संगठनों के प्रमुख व बड़े नेताओं की सूची भी बरामद हुई है।
इनके पास से जो कागजात मिले हैं उनमें से कई दस्तावेज मलयालम भाषा में हैं। दोनों ने जब लखनऊ में कदम रख तभी उन लोगों ने कुछ युवकों को विस्फोटक बांट दिए थे। निशानदेही पर उन युवकों की भी तलाश जोरों से की जा रही है। दोनों आरोपितों के विरुद्ध थाना एसटीएफ, लखनऊ में एफआइआर दर्ज कर ली गई है। दोनों आरोपितों को एसटीएफ बुधवार सुबह लखनऊ की कोर्ट में पेश करेगी।
एडीजी ने एसटीएफ मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि दोनों आरोपितों के कब्जे से 16 हाई एक्सप्लोसिव डिवाइस (मय बैट्री डेटोनेटर व लाल रंग का तार), .32 बोर की एक पिस्टल, सात कारतूस, 4800 रुपये, पैन कार्ड, चार एटीएम कार्ड, दो डीएल, एक आधार कार्ड, दो पेन ड्राइव, एक मेट्रो कार्ड व 12 रेलवे टिकट जब्त किये गए हैं। साथ ही दोनों के पास से कई चौंकाने वाले कागजात भी बरामद हुए हैं, जिनके आधार पर आगे की छानबीन व पड़ताल की जा रही है।
एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने पत्रकारों को बताया कि दोनों का उद्देश्य यहां पीएफआइ के कुछ सदस्यों को विस्फोटक बांटना भी था। कुछ युवकों के बारे में छानबीन भी की जा रही है। दोनों की 11 फरवरी को ट्रेन से लखनऊ आने की जानकारी हुई थी। उस समय एसटीएफ ने घेराबंदी भी की थी, मगर दोनों का कुछ भी मालूम नहीं चला था।
बता दें मंगलवार को दोनों के अपने कुछ साथियों से कुकरैल पिकनिक स्पॉट के पास मिलने आने की जानकारी हुई थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिए गया। दोनों ने पूछताछ बताया कि पीएफआइ समुदाय विशेष के युवकों को जुटाकर उनका ब्रेनवाश कर रही है और उनके छोटे-छोटे दल बना रही है। उन्होंने बताया कि इन युवकों को हथियार चलाने से लेकर विस्फोटक तक की ट्रेनिंग दी जा रही है। उनका इरादा उन युवकों के माध्यम से देश व प्रदेश में आतंकी घटनाएं कराना है। यहां तक कि युवकों को अलग-अलग चाकू और अन्य किसी हथियार से, जहर देकर अथवा आग लगाकर हत्या की घटनाएं करने के लिए भी पूरी तरह से तैयार किया जा रहा था।
दोनों आरोपितों से पूछताछ में पता चला कि पीएफआइ अपने आतंकी मकसद को पूरा करने के लिए मजबूत कद-काठी के युवकों का चयन कर रही थी। पुलिस अधिकारी के मुताबिक युवकों के अलग-अलग और छोटे-छोटे ग्रुप बनाने का एक मकसद यह भी है कि यदि पीएफआइ के वरिष्ठ पदाधिकारी पकड़े जाएं तो उनकी गैरमौजूदगी में छोटे-छोटे ग्रुप घटनाएं व माहौल बिगाडऩे का काम जारी रख सकें।
लखनऊ व आसपास के जिलों में एक्टिव पीएफआइ व उसकी स्टूडेंट विंग कैंपस फ्रंट आफ इंडिया (सीएफआइ) के कई एक्टिव सदस्य एक बार फिर पुलिस व खुफिया एजेंसियों के निशाने पर आ गए हैं। एसटीएफ अब उन युवकों के बारे में जानकारी हासिल कर रही है, जिन्हें बिस्फोटक सामग्री दी गई थी।
प्रदेश में अलर्ट
एडीजी कानून-व्यवस्था के अनुसार 17 फरवरी को पीएफआइ का स्थापना दिवस है। इसी के कारण बुधवार को प्रदेश में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। आशंका जताई जा रही है कि संगठन के सदस्य कुछ गड़बड़ कर सकते हैं। एडीजी ने बताया कि पीएफआइ ने इंटरनेट मीडिया पर संदेश चलाकर अब यह भी स्वीकारा कि मथुरा में पकड़े गए सीएफआइ सदस्य हाथरस जा रहे थे। इससे इस संगठन के मकसद का पता चल गया है।