अमेरिका के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिले ने कहा है कि न तो रूस और न ही यूक्रेन के सैन्य लक्ष्यों को हासिल करने की संभावना है और उनका मानना है कि युद्ध बातचीत की मेज पर समाप्त हो जाएगा. द गार्जियन ने उनके बयान की जानकारी दी. मिले ने फाइनेंशियल टाइम्स के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि पेंटागन अपने हथियारों के भंडार की फिर से जांच कर रहा है और यूक्रेन में युद्ध के दौरान गोला-बारूद का कितनी तेजी से उपयोग किया गया है, यह देखने के बाद सैन्य खर्च को बढ़ावा देने की जरूरत हो सकती है.
द गार्जियन ने बताया- मिले ने कहा कि उन्हें अभी भी विश्वास है कि युद्ध वार्ता की मेज पर खत्म हो जाएगा. रूसियों के लिए सैन्य माध्यमों से अपने राजनीतिक मकसदों को हासिल करना लगभग असंभव होगा. यह संभावना नहीं है कि रूस यूक्रेन पर हावी होने जा रहा है. ऐसा होने वाला नहीं है. उन्होंने कहा, रूस के कब्जे वाले यूक्रेन की जमीन से रूसियों को बाहर निकालना यूक्रेन के लिए बहुत मुश्किल होगा, मैं यह नहीं कह रहा कि ऐसा नहीं हो सकता..लेकिन यह असाधारण रूप से कठिन है. और इसके लिए अनिवार्य रूप से रूसी सेना के पतन की जरूरत होगी.
द गार्जियन ने बताया, मंगलवार को मिले ने कहा था कि, रूस ने अमेरिकी रक्षा सचिव, लॉयड ऑस्टिन के साथ संयुक्त समाचार सम्मेलन के दौरान रणनीतिक, परिचालन और सामरिक रूप से हार गया है. उन्होंने उस समय कहा था, रूस वैश्विक रूप से खारिज है और दुनिया यूक्रेनी बहादुरी से प्रेरित है. संक्षेप में, रूस हार गया है- वह रणनीतिक, परिचालन और सामरिक रूप से हार गए हैं और वह युद्ध के मैदान में भारी कीमत चुका रहे हैं.
वहीं विशेषज्ञ थिंक-टैंक, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटेजिक स्टडीज (IISS) के अनुमान के मुताबिक, यूक्रेन से लगभग एक साल तक चली लड़ाई के बाद रूस की सेना के टैंकों के युद्ध-पूर्व बेड़े का लगभग 40 प्रतिशत खो जाने का अनुमान है. द गार्जियन ने बताया कि युद्ध में उपयोग किए जाने वाले कुछ प्रमुख टैंकों के लिए यह 50 प्रतिशत तक बढ़ गया है, जिससे रूस को अपने अभी भी बड़े पैमाने पर शीत युद्ध-काल के शेयरों तक पहुंचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.