कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसका व्हाट्सएप पर नियंत्रण (Hold) है। उन्होंने कहा कि इस प्लेटफॉर्म को भारत में भुगतान सेवा शुरू करने के लिए केन्द्र की मोदी सरकार से मंजूरी की आवश्यकता है। राहुल गांधी ने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट कर कहा, “अमेरिका की टाइम मैग्जीन ने व्हाट्सएप-बीजेपी सांठगांठ का खुलासा किया है। 40 करोड़ भारतीयों द्वारा इस्तेमाल किया जाया जाने वाला व्हाट्एप से भुगतान सेवा शुरू करने के लिए मोदी सरकार की मंजूरी चाहता है। इसलिए, बीजेपी का व्हाट्सएप पर होल्ड है।”
व्हाट्सएप सोशल मीडिया का स्वामित्व फेसबुक इंक के पास है। इससे पहले, 16 अगस्त को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा था कि बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का देश में फेसबुक और व्हाट्सएप पर कब्जा है। राहुल ने यह भी आरोप लगाया था कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए फर्जी खबर और घृणा फैलाकर मतदाताओं को प्रभावित किया जाता है। राहुल ने इससे पहले मीडिया का हवाला देकर ट्वीट करते हुए कह था, “बीजेपी और आरएरएस फेसबुक और व्हाट्सएप पर भारत में नियंत्रण है। वे मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए इनके जरिए फर्जी खबर और घृणा फैलाते हैं। आखिरकार अमेरिकन मीडिया फेसबुक पर सच्चाई के साथ सामने आई है।”
गौरतलब है कि पिछले दिनों फेसबुक पर आरोप यह लगा हैं कि उसने सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं की पोस्ट पर हेट स्पीच नियम को लागू नहीं किया। हाल ही में वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में यह आरोप लगा था कि फेसबुक की कंटेंट पॉलिसीज का भारत में बिना भेदभाव के पालन नहीं हो रहा है और बीजेपी पर नरमी बरती जा रही है। फेसबुक की निष्पक्षता को लेकर भारत में उठ रहे सवाल और इसको लेकर जारी राजनीतिक बवाल के बीच सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी फेसबुक ने इस पर अपनी सफाई दी थी फेसबुक ने कहा था कि यह खुला, पारदर्शी और गैर-पक्षपातूर्ण मंच है।
फेसबुक इंडिया के वाइस प्रसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर अजीत मोहन ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, ”फेसबुक हमेशा से एक खुला, पारदर्शी और गैर-पक्षपातपूर्ण मंच रहा है, जहां लोग खुद को स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्त कर सकते हैं। पिछले कुछ दिनों में, हमारे ऊपर पूर्वाग्रह का आरोप लगाया गया है कि हम अपनी नीतियों को पक्षपातपूर्ण तरीके से लागू करते हैं। हम पूर्वाग्रह के आरोपों को गंभीरता से लेते हैं और यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम किसी भी रूप में घृणा व कट्टरता की निंदा करते हैं।”