लोक जनशक्ति पार्टी का गठन ऐसे नेता ने किया था, जिसे राजनीतिक मौसम का सबसे बड़ा वैज्ञानिक माना जाता है. नाम है राम विलास पासवान. राम विलास पासवान के अनुमान का ही नतीजा माना जाता है कि बिहार की सबसे छोटी पार्टियों की लिस्ट में होने के बावजूद उसकी हमेशा सत्ता में भागेदारी रहती है. लेकिन ये हिस्सेदारी उसे बिहार नहीं, बल्कि केंद्र की सत्ता में मिलती रही है. रामविलास पासवान का 74 साल की उम्र में निधन हो गया है. वह पिछले कई दिनों से बेहद बीमार थे.
दरअसल, पासवान समाजवादी नेता राम सजीवन के संपर्क में आए और राजनीति का रुख कर लिया। 1969 में वह अलौली विधानसभा से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े और विधानसभा पहुंचे। इसके बाद पासवान ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1977 में वह जनता पार्टी के टिकट पर हाजीपुर से लोकसभा का चुनाव लड़े और सबसे अधिक 4.24 लाख वोटों के अंतर से चुनाव जीतने का विश्व रिकॉर्ड बना लिया। 1989 में रामविलास ने इसी सीट से अपना ही रिकॉर्ड तोड़ नया कीर्तिमान बनाया। बाद में उनका ये रिकॉर्ड भी नरसिम्हा राव समेत दूसरे नेताओं ने तोड़ा। हालांकि, चुनावी जीत का रिकॉर्ड कायम करने वाले पासवान उसी हाजीपुर से 1984 में हारे भी थे। 2009 में भी उन्हें रामसुंदर दास जैसे बुज़ुर्ग समाजवादी ने यहां पर हराया था। सोलहवीं लोकसभा में उन्होंने हाजीपुर से चुनाव जीता और संसद पहुंचे। हालांकि, सत्रहवीं लोकसभा का चुनाव उन्होंने नहीं लड़ा, बल्कि राज्यसभा से संसद पहुंचे।
20 साल की पार्टी को बिहार से ज्यादा केंद्र में मिली जगह
राम विलास पासवान ने साल 2000 में लोक जनशक्ति पार्टी का गठन किया। राम विलास पासवान पार्टी के अध्यक्ष बने और लंबे अरसे तक रहे। दलितों की राजनीति करने वाले पासवान ने 1981 में दलित सेना संगठन की भी स्थापना की थी। पासवान के अनुमान का ही नतीजा माना जाता है कि बिहार की सबसे छोटी पार्टियों की लिस्ट में होने के बावजूद उसकी हमेशा सत्ता में भागेदारी रहती है, लेकिन ये हिस्सेदारी उसे बिहार नहीं, बल्कि केंद्र की सत्ता में मिलती रही है।
23 की उम्र में जीता पहला चुनाव, गिनीज बुक में भी नाम लिखाया
एमए, एलएलबी, डी. लिट करने वाले रामविलास पासवान ने 1969 में चुनावी राजनीति में कदम रखा और पहली बार विधायक बने. तब उनकी उम्र सिर्फ 23 साल थी. 1977 में रामविलास ने लोकसभा चुनाव लड़ा. और जीतकर सांसद बने. ये कोई आम जीत नहीं थी. वह हाजीपुर लोकसभा सीट से 4, 24, 545 वोटों से जीते. पहली बार जब वह सांसद बने थे, तब उम्र 31 साल ही थी. ये इतनी बड़ी जीत थी कि इसे ‘गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में दर्ज किया गया.
9 बार सांसद एक बार राज्यसभा रहे
रामविलास ने 9 बार सांसद बने. 1969 से लेकर वह अब तक सक्रिय रहे और सत्ता के केंद्र में रहे. वह कई बार केंद्र में कैबिनेट मंत्री रहे. उन्होंने यूपीए और एनडीए सरकारों में वह कोयला-खनन मंत्री, रेल मंत्री, श्रम एवं कल्याण मंत्री सहित कई मंत्रालय संभाले. इस समय वह उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद थे.
देश के अग्रणी दलित नेता के तौर पर पहचान बनाने वाले रामविलास कई दलों में रहे. वह 1970 में बिहार की संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से जुड़े. लोकदल बिहार, जनता पार्टी, जनता दल से जुड़े रहे. वह कई दलित संगठनों के अध्यक्ष, महासचिव भी रहे. 28 नवम्बर 2000 में उन्होंने लोकजनशक्ति पार्टी बनाई, जिसकी जिम्मेदारी अब बेटे चिराग के हाथ में हैं.