झारखंड के मंत्री और अधिकारी अब आधुनिक तकनीक वाले महंगे फोन का उपयोग करेंगे। इसके लिए वित्त विभाग ने बुधवार को अधिसूचना जारी की है। मंत्रिमंडल की बैठक में इसे पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। अधिसूचना के अनुसार मंत्रियों को अब राज्य सरकार की ओर से 40 हजार रुपये तक का मोबाइल फोन दिया जाएगा। मंत्रियों के साथ-साथ यह सुविधा राज्य मंत्री और उप मंत्री को भी मिलेगी। साथ ही मुख्य सचिव, आईजी, आयुक्त, सचिव, विभागाध्यक्ष, प्रमंडलीय आयुक्त, क्षेत्रीय महानिरीक्षक, आरक्षी उप महानिरीक्षक, उपायुक्त और एसपी को भी अब 40 हजार रुपये तक मोबाइल फोन मिलेगा।
साथ ही ये मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी तीन हजार रुपये प्रतिमाह तक का रिचार्ज कूपन ले सकेंगे। पहले मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के लिए 10 हजार रुपये के मोबाइल फोन और 3 हजार के रिचार्ज कूपन की सुविधा मिलती थी। राज्य सरकार ने मंत्रियों और अधिकारियों के लिए फोन खरीदने की अधिकतम सीमा में नौ साल बाद संशोधन किया है। अधिसूचना के अनुसार मोबाइल फोन अब केवल बातचीत के लिए सीमित नहीं रह गया है। अब मोबाइल सेट से ही वीडियो कॉलिंग, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, इंटरनेट और डाटा ट्रांसफर आदि का काम लिया जा रहा है। ऐसे में बेहतर कनेक्टिविटी एवं स्टेबिलिटी के लिए अच्छे कन्फिगरेशन वाले मोबाइल सेट का उपयोग आवश्यक हो गया है। नए फोन की अवधि मात्र तीन साल के लिए होगी।
अधिसूचना के अनुसार विशेष सचिव स्तर के अधिकारी 35 हजार रुपये तक का मोबाइल फोन ले सकेंगे। वे 2 हजार रुपये तक रिचार्ज कूपन पर खर्च कर सकेंगे। पहले हन्हें 10 हजार रुपये के फोन और 2 हजार रुपये रिचार्ज पर खर्च करने की सुविधा थी। अपर सचिव, संयुक्त सचिव, अपर निदेशक और संयुक्त निदेशक 30 हजार रुपये तक का मोबाइल फोन ले सकेंगे और रिचार्ज कूपन पर 600 रुपये खर्च कर सकेंगे। पहले इन अधिकारियों को साढ़े सात हजार का फोन और 600 रुपये प्रतिमाह रिचार्ज के लिए मिलते थे।
उप सचिव, उप निदेशक और वरीय प्रधान आप्त सचिव को 25 हजार रुपये तक मोबाइल फोन मिलेगा और 500 रुपये प्रतिमाह रिचार्ज के लिए मिलेंगे। पहले इन अधिकारियों के लिए फोन की कीमत 5 हजार और रिचार्ज की सीमा 500 रुपये प्रतिमाह थी। अवर सचिव, निदेशालय मुख्यालय के सहायक निदेशक, प्रधान आप्त सचिव और कोषागार व उप कोषागार अधिकारी 20 हजार रुपये तक के मोबाइल फोन का उपयोग कर सकेंगे। जबकि उनके रिचार्ज कूपन की सीमा 400 रुपये प्रतिमाह की होगी। ये अधिकारी भी पहले पांच हजार रुपये तक के फोन ले सकते थे, जबकि 400 रुपये रिचार्ज पर खर्च कर सकते थे।