सचिन पायलट (Sachin pilot) के बगावती रूख के चलते राजस्थान का सियासी (Rajsthan political crises) संघर्ष अब अपने चरम पर पहुंच चुका है। प्रदेश में सचिन सहित उनके 19 विधायक समर्थकों के बगावती रूख ने सीधा गहलोत सरकार की जड़ों पर हमला बोला है, मगर इस बीच गहलोत सरकार पूर्णत: निश्चिंत नजर आ रही है। उनका कहना है कि उनकी सरकार बिल्कुल महफूज है। उन्हें किसी प्रकार का कोई सियासी खतरा नहीं है, मगर अब खबर है कि विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी (Assembly speaker CP Joshi) ने हाईकोर्ट (High Court) के रूख से खफा होते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) का रूख किया है, जहां पर उन्होंने याचिका दाखिल कर हाईकोर्ट के निर्दशों को अनुचित बताया है। अब ऐसे में आज सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर सभी की निगाहें टिकी हुई नजर आ रही है।
हाईकोर्ट ने क्या फैसला दिया था
यहां पर हम आपको बताते चले गत दिनों सचिन पायलट समेत उनके समर्थकों को विधायक दल की बैठक में शामिल न होने के चलते मुख्य सचेतक महेश जोशी के सिफारिश पर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने सचिन पायलट के गुट को नोटिस जारी किया था, जिसमें उन्होंने विधायक दल की बैठक में शामिल न होने के चलते इनकी सदस्यता पर ग्रहण लगाने की बात कही गई थी। जिससे खफा होते हुए सचिन पायलट के गुट ने राजस्थान हाईकोर्ट का रूख किया था, जिसके बाद कोर्ट ने गत दिनों हुई सुनवाई के दौरान विधानसभा स्पीकर को 24 जुलाई तक सचिन पायलट के गुट पर किसी भी प्रकार का फैसला लेने से रोक लगा दी थी। बता दें कि हाईकोर्ट के इस फैसले के फौरन बाद स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है। आज सुबह 11 बजे इस याचिका पर सुनवाई होनी है। सुनवाई के दौरान आज सुप्रीम कोर्ट स्पीकर सीपी जोशी की दलीलें सुनेगी। बता दें कि स्पीकर सीपी जोशी ने अपने द्वारा दाखिल की गई याचिका में कहा है कि अदालत स्पीकर के कामकाज में दखल नहीं दे सकती है। यह संविधान के खिलाफ है। यह सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्दशों के खिलाफ है।
अशोक गहलोत ने लिखी चिट्ठी
उधर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सियसी संघर्ष के बीच पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है। अपनी इस चिट्ठी में उन्होंने राजस्थान में सियासी संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा कि संवैधानिक रूप से चुनी गई सरकार को गिराने की कोशिश की जा रही है। जिसमें बीजेपी के नेता सहित अन्य केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं। वहीं, बताया जा रहा है कि आगामी दिनों में प्रदेश सरकार विधानसभा सत्र भी बुला सकती है।