कोरोना वायरस (corona virus) के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार ने संपूर्ण लॉकडाउन (Full lockdown) का फैसला लिया था. इस दौरान स्कूल और कॉलेज भी बंद कर दिए थे. लॉकडाउन के बाद कई चीजों पर केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से छूट दी जा रही है. लेकिन स्कूल खोलने पर सरकार कोई आदेश नहीं दे रही. जिसका कारण है संक्रमण. क्योंकि, ऐसे हालातों में स्कूल खोलना बच्चों के लिए खतरे से कम नहीं होगा. पर कई स्कूल ऐसे हैं जो संकट की स्थिति में भी अभिभावकों से फीस वसूल रहे हैं. पर अब देश के इस राज्य ने पूरी तरह स्व-वित्तपोषित स्कूलों को सख्त आदेश जारी करते हुए कहा कि, जब तक स्कूल बंद हैं तब तक फीस न ली जाए.
फीस लेने पर राज्य का बड़ा फैसला
स्कूल और ट्यूशन फीस नहीं लेने पर जो आदेश जारी हुआ है वो गुजरात सरकार ने किया है. सरकार ने अपने आदेश में स्कूलों को 2020-21 शैक्षणिक सत्र के लिए फीस न बढ़ाने का भी सख्त आदेश दिया है. इस बारे में 16 जुलाई को ही राज्य शिक्षा विभाग द्वारा अधिसूचना जारी हुई.जिसमें कहा गया कि, कक्षा प्रथम और आठवीं तक के अगर किसी छात्र की फीस जमा नहीं होती तो उन छात्रों को निष्कासित नहीं किया जाएगा. कोई भी स्कूल अगर ऐसा करता है तो वह शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धारा-16 का उल्लंघन होगा. जिस पर कार्रवाई भी हो सकती है.
- सरकार ने अपने आदेश में ये भी कहा कि, गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक 30 जून तक जिन भी छात्रों की फीस जमा नहीं हुई है उन्हें निष्कासित नहीं किया जाएगा. गुजरात सरकार के इस फैसले से जहां अभिभावकों को राहत मिली है तो दूसरी तरफ जो संस्था संकट की स्थिति में लूटमारी कर रहे थे उन पर भी शिकंजा कस लिया गया है. क्योंकि, कई राज्यों से ऐसे मामले सामने आए हैं जहां स्कूल वाले अभिभावकों से फीस के नाम पर लूटमारी कर रहे हैं.