राज्यसभा से निलंबन के मामले में आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा को सुप्रीम कोर्ट ने माफी मांगने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है इस मामले के निपटारे के लिए माफी का रास्ता उचित है. कोर्ट ने कहा कि राघव चड्ढा पहले राज्यसभा सभापति से मिलकर लिखित तौर पर माफी मांगें, जिसके बाद सभापति उनके निलंबन वापसी पर गौर करेंगे.
कोर्ट के आदेश के बाद राघव चड्ढा की ओर से उनके वकील ने कहा कि राघव चड्ढा सभापति से बिना शर्त माफी मांगने के लिए तैयार हैं. कोर्ट में सुनवाई के दौरान ये भी बताया गया कि पूरे मामले में आप सांसद राघव चड्ढा का सदन की गरिमा पर हमला करने का कोई इरादा नहीं था.
राघव चड्ढा माफी मांगने को तैयार
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को इस बात को लेकर आश्वास्त दिया गया कि राघव चड्ढा सभापति से मिलेंगे और बिन शर्त उनसे लिखित रूप में माफी मांगेंगे. इसके बाद सदन के तथ्यों और परिस्थितियों की पृष्ठभूमि में सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा. पूरे मामले में निर्देश देने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में अगली सुनवाई अब दिवाली के बाद होगी.
राघव चड्ढा ने SC का किया था रुख
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट को ये भी बताया गया कि राघव चड्ढा प्रतिष्ठित सदन में सबसे कम उम्र के सदस्य हैं. राज्यसभा से अनिश्चितकालीन समय तक के लिए निलंबित किये जाने के बाद राघव चड्ढा ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. राघव चड्डा ने कहा था कि उनके ऊपर विशेषाधिकार हनन का मामला नहीं बनता.
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यसभा सचिवालय को नोटिस भेजा था. तब सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि किसी संसद प्रतिनिधि को लंबे समय तक के लिए निलंबित रखना उसके विशेषाधिकारों को ध्यान में रखते हुए उचित नहीं.