कुरुक्षेत्र में किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि हमारे किसान नेता सरकार की नीतियों के खिलाफ पूरे देश में जाएंगे, ये सिर्फ हरियाणा और पंजाब का आंदोलन नहीं है. उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र की धरती न्याय की धरती है यहीं से न्याय होगा. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “पार्लियामेंट से वे कहते हैं कि ये आंदोलनकारी परजीवी है, क्या भगत सिंह, हमारे क्रांतिकारी परजीवी थे?”
राकेश टिकैत ने कहा कि किसान को सबसे प्यारी चीज जमीन है, ये उसी की लड़ाई है. उन्होंने कहा, “ये क्रांति की धरती है, आप आने वाले पीढ़ी के लिए आंदोलन करिए, सरकार मान नहीं रही, सरकार कुछ लड़कों को लाल किले ले गए. हमें इन साजिशों से बचना होगा, वो हमें तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. जाति, धर्म के बाद अब छोटा और बड़ा किसान कहकर बांट रहे हैं.”
हजारों किसानों को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि सरकार को बात करनी है तो हमारे जत्थेबंदियों से बात करें. जो वो तय करेंगे, वही होगा. उन्होंने कहा, “2 अक्टूबर का अल्टीमेटम दे दिया है. दिल्ली में संख्या कम है, इसे बढानी है. हमारे पंच और मंच वो ही रहेगा, किसान खेतों के साथ साथ आंदोलन में भी रहेगा. आपको क्रमवार तरीके से योगदान देना है, आंदोलन के नाम पर किसी को चंदा मत देना.”
अनाज तिजोरी में बंद नहीं होगा- राकेश टिकैत
टिकैत ने कहा कि किसान की पगड़ी और सम्मान के साथ समझौता मंजूर नहीं है. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा, “आप लोग इनके बहकावे में मत आना, रोटी को बाजार की वस्तु नहीं बनने देंगे, भूख पर रेट तय नहीं होने देंगे, अनाज तिजोरी में बंद नहीं होगा.” उन्होंने आगे कहा कि किसान सरकार की गलत नीतियों से कर्ज में आया और किसान क्रेडिट कार्ड पर 300 फीसदी ब्याज देता है. नेताओं की तनख्वाह 500 फीसदी बढ़ती है.
उन्होंने कहा कि दिल्ली में किलेबंदी है, छोटे दुकानदार, मजदूर-किसान, सस्ता अनाज सब बंद होगा. खाप पंचायत हमेशा न्याय के लिए लड़ी है. राकेश टिकैत ने कहा, “युवा गुस्सा त्यागे और अपनी मिट्टी से लगाव बढ़ाए, तभी ये बच सकता है. गाजीपुर बॉर्डर सप्लाई काटी तो हमने पानी मांगा, आप आंदोलन में सहयोग दें, भंडारों में योगदान दें.”
इसके अलावा किसान महापंचायत में पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के महासचिव युद्धवीर सिंह ने कहा कि कृषि कानून हमारे भविष्य का सवाल है इसलिए 6 साल भी आंदोलन चलाने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली की सरकार (केंद्र सरकार) ने हर तरह से षड्यंत्र किया, लेकिन किसान नहीं हटे. पिछले 77 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर किसान बैठे हैं, मौसम खराब रहा लेकिन उनका मनोबल नहीं टूटा.