भारत और ऑस्ट्रेलिया (India vs Australia) के बीच नौ फरवरी से बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी (Border Gavaskar Trophy) का आगाज हो रहा है. प्रतिष्ठित सीरीज के दौरान सभी क्रिकेट प्रेमियों की नजर अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) के उपर टिकी रहेगी. पहले मैच के दौरान अगर वह एक विकेट चटकाने में कामयाब होते हैं तो वह एक खास उपलब्धि हासिल कर लेंगे.
दरअसल, टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 450 विकेट लेने का कारनामा पूर्व श्रीलंकाई स्पिनर मुथैया मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) के नाम दर्ज है. मुरलीधरन ने 80वें मुकाबले में 450 विकेट लेने का कारनामा किया है. इसके बाद दूसरे स्थान पर भारतीय पूर्व स्पिनर अनिल कुंबले (Anil Kumble) का नाम आता है. कुंबले ने 93वें टेस्ट में 450 विकेट के कीर्तिमान को छुआ था.
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच नौ से 13 फरवरी के बीच नागपुर में खेले जाने वाले पहले टेस्ट मुकाबले में रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) एक विकेट चटकाने में कामयाब होते हैं तो वह टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 450 विकेट लेने के मामले में अनिल कुंबले को पछाड़ देंगे. इसके साथ ही वह भारत के पहले और दुनिया के दूसरे सबसे तेज 450 टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाज बन जाएंगे.
बात करें रविचंद्रन अश्विन के टेस्ट क्रिकेट करियर के बारे में तो उन्होंने ब्लू टीम के लिए खबर लिखे जाने तक 88 मैच खेलते हुए 166 पारियों में 24.3 की औसत से 449 विकेट चटकाए हैं. टेस्ट क्रिकेट में अश्विन के नाम 30 बार पांच और सात बार 10 विकेट लेने का कारनामा है. अश्विन का टेस्ट क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन 59 रन खर्च कर सात विकेट है.