वर्षों से चली आ रही परंपरा अनुरूप इस वर्ष भी बाबा महाकाल (Baba Mahakal) को गुरुवार को रक्षाबंधन पर्व पर सवा लाख लड्डुओं का भोग (Laddu’s enjoyment) लगाया गया। इसके पूर्व भस्मार्ती के बाद बाबा महाकाल को राखी बांधी गई।
पिछले दो वर्षो में यह परंपरा कोरोनाकाल में निभाई गई लेकिन सांकेतिक रूप से। इस वर्ष पुन: सवा लाख लड्डुओं का भोग ला और रक्षा बंधनवाले दिन महाकाल मंदिर आनेवाले हर श्रद्धालु को एक-एक लड्डु भोग प्रसादी के रूप में दिया गया। शुद्ध देशी घी,बेसन,शकर व सूखे मेवों का उपयोग महाभोग बनाया गया था।
मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य पुजारी राम शर्मा ने बताया कि हर वर्ष सवा लाख लड्डुओं का निर्माण दानदाताओं से प्राप्त सामग्री से किया जाता है। रक्षाबंधन पर्व पर गुरुवार प्रात: भगवान को भस्मार्ती पश्चात राखी बांधी गई और उसके बाद सवा लाख लड्डुओं का महाभोग लगाया गया। पूरे मंदिर में फूलों की आकर्षक सजावट की गई।