उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 के नवनियुक्त मंत्रियों को अपनी पसंद के निजी स्टाफ रखने की आजादी नहीं होगी। मुख्यमंत्री कार्यलाय की तरफ से स्वीकृत नई व्यवस्था में कर्मचारियों के चयन को डिजीटल कर दिया गया है और मंत्रियों को सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा की गई कंप्यूटर लॉटरी के माध्यम से यादृच्छिक रूप से छांटे गए उम्मीदवारों की सूची में से ही निजी स्टाफ का चयन करना होगा। साथ ही पिछले पांच वर्षों में किसी भी मंत्री के साथ काम करने वाले किसी भी सहायक कर्मचारी को नई सूची में नहीं रखा गया है।
शासन और सामान्य प्रशासनिक कार्यों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में 20% सहायक पीएस, समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक आरओ को नव नियुक्त मंत्रियों के निजी सचिव (पीएस) के रूप में प्रतिनियुक्त किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि अंतिम सूची को सीएम कार्यालय से मंजूरी मिल गई है।
अंतिम रूप से चुने गए व्यक्तियों के नामों को अलैंगिक और जाति या धर्म तटस्थ दस्तावेज बनाने के लिए कोडित किया गया था, जिससे मंत्रियों को अपनी पसंद बनानी है। एक सूत्र ने कहा कि इसलिए चयन के समय, किसी भी मंत्री को यह पता नहीं चलेगा कि वे कौन लोग हैं जिन्हें वह अपने स्टाफ के रूप में चुन रहे हैं।
योगी सरकार के मंत्रालयों का बंटवारा
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली नयी सरकार में मंत्रालयों का बंटवारा हो गया है। योगी ने गृह, आवास एवं शहरी नियोजन, नियुक्ति, कार्मिक और राजस्व सहित 34 अहम विभाग अपने पास रखे हैं। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को ग्रामीण विकास एवं समग्र ग्राम विकास तथा ग्रामीण अभियंत्रण, खाद्य प्रसंस्करण, मनोरंजन कर एवं सार्वजनिक उद्यम तथा राष्ट्रीय एकीकरण विभाग सहित छह विभागों का प्रभार सौंपा गया है।
दूसरे उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण तथा मातृ एवं शिशु कल्याण विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। बेबी रानी मौर्य को महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग पूर्व आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा को नगर विकास, शहरी समग्र विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन, ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग दिया गया है।