उत्तर प्रदेश की सत्ता पर लगातार दूसरी बार काबिज होने वाली योगी आदित्यनाथ सरकार ने सौ दिन का कार्यकाल पूरा होते ही सरकारी कर्मचारियों की बेहतरी के लिए बड़ा कदम उठाया है। इसी क्रम में योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश के 22 लाख से अधिक सरकारी कर्मियों तथा पेंशनर्स को पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना का लाभ दे रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ गुरुवार को दोपहर 12 बजे लोक भवन के ऑडिटोरियम से इसका शुभारंभ करेंगे।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के अंतर्गत प्रदेश के 22 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों व पेंशनर्स को कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। इस योजना के तहत कर्मचारियों को हेल्थ कार्ड मिलेगा जिसमे यूनिक नंबर दिया जाएगा। उनके साथ ही उनके परिवार के अन्य सदस्यों को भी इसका लाभ मिलेगा। सरकारी कर्मचारियों व पेंशनरों को कैशलेस इलाज की सुविधा मिलने का सिलसिला 21 जुलाई से शुरू हो जाएगा। इन परिवारों को आयुष्मान योजना में पंजीकृत सभी निजी अस्पतालों में प्रतिवर्ष पांच लाख रुपये तक के इलाज की मुफ्त सुविधा मिलेगी। जबकि सरकारी अस्पतालों में इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी।
योगी आदित्यनाथ सरकार की कैशलेस चिकित्सा योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग ने वेबसाइट sects.up.gov.in पर सरकारी कर्मियों और पेंशनरों का पंजीकरण करना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि इस योजना से कुल 75 लाख लोग लाभान्वित होंगे। सरकार ने अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र में सभी सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने का वादा किया था। आज सरकार इसे लागू करने जा रही है।
इस योजना के तहत आयुष्मान भारत योजना से संबद्ध प्राइवेट अस्पतालों में एक वर्ष में एक कर्मचारी व पेंशनर्स को परिवार सहित कुल पांच लाख रुपये की कैशलेस चिकित्सा सुविधा दी जाएगी। प्रदेश में कुल 1900 निजी अस्पतालों में अभी आयुष्मान भारत योजना के तहत उपचार की सुविधा दी जा रही है।
वहीं सरकारी अस्पतालों में इन्हें असीमित कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाएगी।राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2022-23 में कुल सौ 100 करोड़ रुपये का बजट इस सुविधा को देने के लिए आवंटित किया गया है। इसकी पहली किस्त के रूप में बुधवार को दस करोड़ रुपये की धनराशि जारी भी कर दी गई।