बिजली निगम (Electricity Corporation)के बिल जमा केन्द्र के एक ऑपरेटर (operator)की चूक ने गोरखपुर (gorakhpur)से लेकर लखनऊ तक हड़कंप (stir up)मचा दिया। बिजली बिल के रूप में उपभोक्ता ने चार हजार रुपए जमा किए और भुगतान 1.97 अरब रुपए दर्ज हो गया। इसे लेकर बुधवार शाम से लेकर गुरुवार सुबह तक अफसरों की सांस फूली रही। आखिरकार वजह समझ में आने पर शक्ति भवन लखनऊ से भुगतान निरस्त कराया गया। एक्सईएन से इस बाबत जवाब तलब किया गया है।
सहजनवा क्षेत्र के तेनुआ गांव की उपभोक्ता छोहाड़ी देवी का बेटा अपने घरेलू कनेक्शन (संख्या-1975876000) का बिजली बिल जमा करने बुधवार की शाम ग्रामीण वितरण खण्ड द्वितीय के नौसढ़ उपखण्ड के कांउटर पर पहुंचा। उसका बिजली बिल 4950 रुपये का था। आपरेटर ने रकम ली और पेमेंट कर दिया। यहीं बड़ी चूक हो गई। ऑपरेटर ने बिल भुगतान की रकम लिखने की बजाए संबंधित कॉलम में उपभोक्ता की 10 डिजिट की कनेक्शन आईडी कॉपी कर पेस्ट कर दी और रसीद प्रिंट कर दी। जैसे ही सिस्टम में यह भु्गतान लोड हुआ, यह खबर फैल गई कि किसी ने 1 अरब 97 करोड़ का भुगतान किया है।
हालांकि, रसीद का प्रिंटआउट निकलने पर ऑपरेटर ने जमा धनराशि देखी तो पसीने से नहा उठा। उसने तत्काल जेई, एसडीओ व लिपिक को अपनी चूक की जानकारी दी। इसके बाद पेमेंट रद्द करने की कोशिश शुरू हुई। लेकिन सफलता नहीं मिली। एसडीओ ने तत्काल खण्ड के लेखाकार व एक्सईएन को अवगत कराया। बुधवार पूरी रात लेखाकार, कैशियर व अन्य राजस्व लिपिक पेमेंट निरस्त करने का प्रयास करते रहे। गुरुवार सुबह पावर कारपोरेशन के चेयरमैन व एमडी का फोन जोन के मुख्य अभियंता के पास आने के बाद अफरातफरी मच गई। आनन-फानन में शक्तिभवन, लखनऊ के डाटा सेंटर के दिशा-निर्देश पर एक्सईएन की आईडी से पेमेंट कैंसिल कराया गया तब अफसरों ने राहत की सांस ली।
ग्रामीण वितरण मण्डल द्वितीय एसई ई. रमेश चद्र श्रीवास्तव ने बताया कि काउंटर ऑपरेटर की चूक से ऑनलाइन बिलिंग सिस्टम में बिल भुगतान राशि में कनेक्शन आईडी दर्ज होने से एक अरब से अधिक भुगतान दर्ज हो गया। रात में किसी ने हमे सूचना नहीं दी। सुबह जैसे ही संज्ञान में मामला आया। भुगातन रद्द करा दिया गया। इस सम्बन्ध में एक्सईएन को नोटिस देकर जवाब तलब किया गया है।