पोलैंड में तैनात अमेरिकी सैनिकों ने यूक्रेन के सैनिकों को पश्चिमी देशों की ओर से दिए जा रहे घातक हथियारों की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी कहा था कि पोलैंड में तैनात अमेरिकी सैनिक यूक्रेन के सैनिकों को प्रशिक्षण देने में मदद कर रहे हैं। अमेरिका ने नाटो देश पोलैंड की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अपने इन सैनिकों को यूक्रेन की सीमा के पास तैनात किया है।
अमेरिका ने ऐलान किया है कि वह सीधे तौर पर यूक्रेन की जंग में शामिल नहीं होगा लेकिन वह अब यूक्रेनी सैनिकों को प्रशिक्षण देकर रूसी हमले के खिलाफ उनकी मदद कर रहा है। इससे पहले पोलैंड के दौरे पर पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि वह यूक्रेन की सेना को रणनीतिक हथियार मुहैया करा रहे हैं। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय वाइट हाउस ने कहा है कि पोलैंड में यूक्रेन के सैनिक मौजूद हैं और वे अमेरिकी सैनिकों के साथ लगातार संपर्क में हैं।
अमेरिका 9 हजार जैवलिन और 7 छोटे हथियार दे रहा
सीएनएन के मुताबिक यह एक तरह से अमेरिकी सैनिकों की ओर से यूक्रेन के सैनिकों को कोचिंग देने की तरह से है। अमेरिका यूक्रेन की सेना को बड़े पैमाने पर जैवलिन एंटी टैंक मिसाइलें दे रहा है और यूक्रेन के सैनिकों को इसे चलाने का प्रशिक्षण अमेरिकी सैनिक दे रहे हैं। यूक्रेन को हथियारों की सप्लाइ करने के लिए पोलैंड मुख्य केंद्र बन गया है। अमेरिका ने कहा है कि वह 9 हजार जैवलिन और 7 छोटे हथियार दे रहा है जिसमें मशीन गन शामिल हैं। इसके अलावा यूक्रेन को 2 करोड़ गोलियों की सप्लाइ भी की गई है।
इन हथियारों को सीधे अमेरिका ने यूक्रेन की सेना को ट्रांसफर किया है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि उन्हें यूक्रेन और रूस के बीच शांति वार्ता से सकारात्मक संकेत मिले हैं। जेलेंस्की ने अपने आधिकारिक टेलीग्राम चैनल पर एक वीडियो में कहा, ‘हम बातचीत के मंच से जो संकेत सुनते हैं उसे सकारात्मक कहा जा सकता है।’ जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन सभी जोखिमों से अवगत है और केवल ठोस परिणामों पर भरोसा करेगा।
यूक्रेन को जंग से 1 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान
यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस सिमहल ने कहा कि रूस के साथ संघर्ष से यूके्रन को अप्रत्यक्ष रूप से 1 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान होने का अनुमान है। ये जानकारी इंटरफैक्स-यूके्रन समाचार एजेंसी की रिपोर्ट से सामने आई है। सिमहल ने कहा, ‘आने वाले सालों में होने वाले नुकसान को ध्यान में रखते हुए अप्रत्यक्ष रूप से गणना की गई हानि, एक ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा की राशि है।’ उन्होंने कहा कि हमलों के कारण यूक्रेन की सार्वजनिक इमारतों, पुलों, सड़कों, नागरिक और सैन्य बुनियादी ढांचे को सीधे नुकसान की लागत लगभग 270 अरब डॉलर आंकी गई है।