कोरोना के चलते लंबे वक्त से बंद पड़ी प्लेटफार्म टिकट की सेवा को एक बार फिर से राजधानी दिल्ली के प्रमुख सटेशन पर शुरू कर दिया है. आधी रात से इस सेवा को शुरू किया गया है. रेलवे ने टिकट के दामों में भी तीन गुना इजाफा कर दिया है. बता दें कि पहले एक प्लेटफार्म टिकट के लिए आपको 10 रुपये खर्च करने पड़ते थे. वहीं अब 30 रुपये देने होंगे. कोरोना महामारी के चलते देशभर में कई ट्रेन व्यवस्थाएं फिलहाल अभी पूरी तरीके से बहाल नहीं हुई हैं ऐसे में एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने वाले तमाम मुसाफिरों को रेलवे स्टेशन पर जब उनके रिश्तेदार छोड़ने के लिए आते हैं तो उनको प्लेटफार्म टिकट लेना अनिवार्य होता है.
कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण प्लेटफॉर्म टिकट की सुविधा को 1 साल पहले बंद कर दिया गया था ताकि सिर्फ मुसाफिर ही यानी जिनको ट्रेन में सफर करना है वही सिर्फ स्टेशन पर पहुंचें और स्टेशन पर ज्यादा भीड़ ना हो. लेकिन एक बार फिर इस सेवा को शुरू कर दिया गया है.
यहां 5 गुणा महंगा प्लेटफॉर्म टिकट
दिल्ली ही नहीं, मुंबई में भी प्लेटफॉर्म टिकट के रेट बढ़ा दिए गए हैं. बल्कि यहां तो रेलवे ने 5 गुणा कीमत कर दी है. सेंट्रल रेलवे ने मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) के कुछ प्रमुख स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकटों की कीमत बढ़ा दी है. रेलवे के मुताबिक मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, दादर और लोकमान्य तिलक टर्मिनस में 10 रुपये की पिछली दर के बजाय प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत 50 रुपये कर दी गई है.
लोकल किराया में भी बढ़ोतरी
प्लेटफॉर्म टिकट के रेट में हुई वृद्धि के साथ ही रेलवे की ओर से लोकल किराया में भी बढ़ोतरी कर दी गई है. रेलवे की ओर से पैसेंजर ट्रेन की जगह एक्सप्रेस ट्रेन की सेवा शुरू की गई है, जिसके किराये में भी बढ़ोतरी हुई है. मुसाफिरों को 10 की जगह 30 रुपये देकर लोकल में सफर करना होगा. अगर आपको दिल्ली से गाजियाबाद का सफर तय करना है तो उसके लिए 10 रुपये की जगह 30 रुपये देने पड़ेंगे. जाहिर सी बात है इस फैसले से रेलवे ने यात्रा शुरू कर एक तरफ से यह सहूलियत दी है. वहीं दूसरी तरफ आम आदमी की जेब पर भी इसका सीधा असर पड़ने वाला है. बुधवार देर रात से राजधानी दिल्ली की तमाम स्टेशन पर यह सेवा शुरू कर दी गई. कोरोना के चलते किराए में बढ़ोतरी की गई थी. प्लेटफॉर्म टिकट लेने पहुंचे नई दिल्ली स्टेशन पर लोगों का कहना था कि प्लेटफार्म टिकट जेब पर असर डाल रहा है. कुछ मुसाफिरों का यह भी कहना था कि सरकार से इस फैसले से राजस्व में बढ़ोतरी होगी और रेलवे में और बेहतर सुधार होंगे.