देश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण देश में कई जगह लॉकडाउन लगा दिया गया है। जिसके चलते बहुत से लोगों का रोजगार चला गया है। इसी को देखते हुए केन्द्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने मोदी सरकार के विभिन्न विभागों और PSU के तहत काम करने वाले लगभग 1.5 करोड़ श्रमिकों के वैरिएबल महंगाई भत्ते को बढ़ा दिया है। इस फैसले से उनकी न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी हुई है। श्रम और रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने बताया कि सरकार ने केन्द्र सरकार, रेलवे, खानों, तेल क्षेत्रों, प्रमुख बंदरगाहों या केंद्र सरकार के किसी भी निगम (PSU) के तहत विभिन्न अनुसूचित रोजगार में लगे श्रमिकों का वैरिएबल महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी कर दी गई है।
एक खबर के अनुसार महंगाई भत्ते को अब 105 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 210 रुपये प्रति माह कर दिया गया है, जिससे करीब 1.5 करोड़ श्रमिकों को दैनिक मजदूरी में लाभ मिलेगा। 1 अप्रैल 2021 से मंत्रालय ने वैरिएबल महंगाई भत्ते में ये बढ़ोतरी लागू करने का फैसला किया है। इस बारे में मंत्रालय ने शुक्रवार 21 मई को आदेश भी जारी कर दिया है। इस बारे में श्रम मंत्री ने ट्विटर पर वीडियो शेयर कर जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि इस बढ़ोत्तरी का फायदा मजदूरों को तुरंत मिलने लगेगा। इसका पूरा फायदा कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले या दैनिक मजदूरों को भी होगा।
इस आधार पर बढ़ा महंगाई भत्ता
सरकार ने साफ कहा है कि श्रमिकों के वैरिएबल महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी औद्योगिक श्रमिकों के खुदरा मूल्य सूचकांक (CPI-IW) के औसत पर की गई है। जुलाई 2020 से दिसंबर 2020 के बीच इसके लिए CPI-IW आंकड़ों को आधार बनाया गया है। इसके साथ ही सरकार ने सड़क निर्माण, भवन निर्माण, साफ-सफाई, पल्लेदारी, चौकीदारी, कृषि और खनन क्षेत्र में काम कर रहे मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी कर दी है।
मंत्रालय की जारी विज्ञप्ति के अनुसार केन्द्र सरकार के तहत काम करने वाले इन श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी अधिनियम को लागू कराने की जिम्मेदारी केंद्रीय मुख्य श्रम आयुक्त को दी गई है। उनके तहत इसे देशभर में काम करने वाले निरीक्षण अधिकारी लागू कराएंगे।