केंद्र सरकार (Central government) ने गैर लौह स्क्रैप के निपटान के लिए 15 सितंबर से तीसरा विशेष अभियान (special Campaign) शुरू करने का निर्देश सभी सरकारी विभागों (government departments) और लोक उपक्रमों को दिया है। स्वच्छता अभियान को बल और लंबित मुकदमों के भार को कम करने के मकसद से शुरू किए गए इस तीसरे अभियान से सरकार ने 400 करोड़ रुपये की कमाई का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा कबाड़ निपटान से सरकारी महकमों के कार्यालयों और परिसरों में जगह खाली कराया जा सकेगा।
एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक,लक्ष्य के अनुसार इस बार स्क्रैप के निपटान से अर्जित होने वाली राशि पिछले वर्ष के विशेष अभियान 2.0 के दौरान जुटाई गई राशि 370.10 करोड़ रुपये से अधिक है। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मंगलवार को आयोजित नोडल अधिकारियों की बैठक के दौरान सार्वजनिक उपक्रमों, बैंकों समेत सभी मंत्रालयों और अन्य निकायों को 400 करोड़ रुपये के राजस्व लक्ष्य से अवगत करा दिया गया है। इसी तरह के दो विशेष अभियानों के तहत केंद्र सरकार ने पिछले एक साल में गैर-लौह स्क्रैप की बिक्री से कुल मिलाकर, 511.3 करोड़ रुपये कमाए हैं। यानी तीसरे अभियान तक केंद्र सरकार कुल 900 करोड़ से ज्यादा की कमाई स्क्रैप निपटान से कर लेगी।
तीसरे विशेष अभियान में 400 करोड़ रुपये की कमाई का लक्ष्य हासिल करने के अलावा सरकारी दफ्तरों में 100 लाख वर्ग फुट की जगह खाली कराने का भी लक्ष्य रखा गया है, जो स्क्रैप की वजह से उपयोग में नहीं है। इससे पहले दूसरे विशेष अभियान में 90 लाख वर्ग फुट जगह मुक्त करायी गई थी। विशेष अभियानों के जरिए जुलाई 2023 तक कुल मिलाकर 172.71 लाख वर्ग फुट जगह खाली कराई जा चुकी है।
स्क्रैप निपटान के तीसरे विशेष अभियान को दो चरणों में आयोजित किया जाएगा। पहला चरण 15 सितंबर से 30 सितंबर तक, और दूसरे चरण का कार्यान्वयन 2 से 31 अक्टूबर के बीच किया जाएगा। इस अभियान की आधिकारिक शुरुआत 14 सितंबर, 2023 को राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह करेंगे। प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DARPG) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है, “अभियान सांसदों की सिफारिशें, राज्य सरकारों, अंतर-मंत्रालयी संदर्भों, संसदीय आश्वासनों, पीएमओ के रेफरेंस, लोक शिकायतों और अपील में लंबित मामलों को समाप्त करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।”
बता दें कि स्वच्छता और लंबित मामलों को कम करने के लिए विशेष अभियान चलाने की शुरुआत पिछले साल 4 जुलाई को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद हुई है। इस बैठक में अभियान के दौरान संतृप्ति दृष्टिकोण (saturation approach)अपनाने का निर्णय लिया गया है। मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने सभी विभागों के सचिवों को पत्र लिखकर अभियान की सफलता के लिए उनकी “व्यक्तिगत भागीदारी” की अपेक्षा की थी।