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‘मोदी-मोदी’ के नारों से गूंजा US Parliament, PM बोले- भारत जल्द होगी तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने गुरुवार को अमेरिकी संसद (US Parliament) के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान (Respect of 140 crore Indians) है। पीएम मोदी जब सदन पहुंचे तो वहां मौजूद लोगों ने मोदी-मोदी के नारे लगाए। पूरा सदन मोदी-मोदी के नारों से गूंज (Echoing slogans of Modi-Modi) गया। सदन में अमेरिका की उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस (Vice President Kamala Harris) भी मौजूद थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ”अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करना हमेशा एक बड़ा सम्मान होता है। इस सम्मान के लिए मैं भारत की 140 करोड़ जनता के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं। मैं देख रहा हूं कि आप में से लगभग आधे लोग 2016 में भी यहां थे। मैं दूसरे आधे हिस्से में पुराने दोस्तों और नए दोस्तों का उत्साह भी देख सकता हूं।” प्रधानमंत्री ने सदन में यह भी कहा कि जल्द ही भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ”पिछले कुछ वर्षों में AI- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में काफी प्रगति हुई है। साथ ही, एक अन्य एआई- अमेरिका और भारत में और भी महत्वपूर्ण विकास हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि मैं विचारों और विचारधारा की बहस को समझ सकता हूं। लेकिन मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि आप दो महान लोकतंत्रों – भारत और अमेरिका के बीच संबंधों का जश्न मनाने के लिए एक साथ आए हैं। अमेरिका की स्थापना समान लोगों वाले राष्ट्र के दृष्टिकोण से प्रेरित थी… यहां लाखों लोग हैं जिनकी जड़ें भारत में हैं, उनमें से कुछ इस कक्ष में गर्व से बैठते हैं और एक मेरे पीछे भी हैं। लोकतंत्र हमारे पवित्र और साझा मूल्यों में से एक है। पूरे इतिहास में एक बात स्पष्ट रही है कि लोकतंत्र वह भावना है जो समानता और सम्मान का समर्थन करती है। लोकतंत्र वह विचार है जो बहस और चर्चा का स्वागत करता है। लोकतंत्र वह संस्कृति है जो विचार और अभिव्यक्ति को पंख देती है। भारत को प्राचीन काल से ही ऐसे मूल्यों का सौभाग्य प्राप्त है। भारत लोकतंत्र की जननी है।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में 2,500 से अधिक राजनीतिक दल हैं। भारत के विभिन्न राज्यों में लगभग 20 अलग-अलग पार्टियों का शासन रहा। हमारी 22 आधिकारिक भाषाएं और हजारों बोलियां हैं, फिर भी हम एक स्वर में बोलते हैं। जब मैंने प्रधानमंत्री के रूप में पहली बार अमेरिका का दौरा किया था, तो भारत दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी। आज, भारत 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। भारत जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। हम न केवल बड़े हो रहे हैं, बल्कि तेजी से बढ़ भी रहे हैं। जब भारत बढ़ता है तो पूरी दुनिया बढ़ती है।

पीएम मोदी-बाइडन ने जारी किया साझा बयान
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने साझा बयान जारी करते हुए कहा कि कि भारत और अमेरिका के बीच गठजोड़ की असीमित संभावनाएं हैं और दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में दोनों देश वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए योगदान दे सकते हैं। मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंधों एवं समग्र वैश्चिक सामरिक गठजोड़ में एक नया अध्याय जुड़ा है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि भारत के साथ यह साझेदारी दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण साझेदारी में से एक है जो इतिहास में किसी भी समय अधिक मजबूत, करीबी और अधिक गतिशील है। बाइडन के साथ संयुक्त प्रेस संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ”आज का दिन भारत और अमेरिका के संबंधों के इतिहास में एक विशेष महत्व रखता है। आज की हमारी चर्चा और महत्वपूर्ण निर्णयों से हमारी समग्र वैश्चिक सामरिक गठजोड़ में एक नया अध्याय जुड़ा है।”

अल्पसंख्यकों के साथ कोई भेदभाव नहीं होता: मोदी
साझा बयान जारी करने के बाद पत्रकारों के सवालों का पीएम मोदी ने जवाब भी दिया। अल्पसंख्यकों से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र हमारी रगों में है और जाति, पंथ एवं धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव का कोई सवाल ही नहीं है। मोदी ने कहा कि हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के सिद्धांत पर चलती है और भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों में कोई भेदभाव नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ बैठक के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता में एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”लोग कहते है नहीं, बल्कि भारत एक लोकतंत्र है और जैसा कि राष्ट्रपति बाइडन ने कहा है, भारत और अमेरिका दोनों के डीएनए में लोकतंत्र है।” पीएम ने कहा कि हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के सिद्धांत पर चलती है। भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों में कोई भेदभाव नहीं है।