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मोदी का नया एजेंडा, चुनाव से पहले समान नागरिक संहिता लागू करेंगे

मोदी सरकार (Modi Govt.) आगामी चुनाव के पहले समान नागरिक संहिता लागू करना चाहती है। अपने इसी लक्ष्य में ढिलाई के चलते प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल रिजूजू को हटाया, मेघवाल को बनाया, बल्कि उन्हें भी केवल राज्यमंत्री के अधिकार देते हुए कैबिनेट के निर्णय के अधिकार स्वयं पीएमओ (PMO) के अधीन रखे।

सरकार ने राम मंदिर बनाकर इस मुद्दे का लक्ष्य पूरा कर लिया, वहीं कश्मीर में भी धारा 370 हटाकर अपने चुनावी एजेंडे के दूसरे महत्वपूर्ण कार्य को पूरा कर लिया। अब देश को विश्वास दिलाने के लिए सरकार समान नागरिक संहिता कानून लागू करना चाहती है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए  पहले से ही  कानून मंत्रालय को कह दिया गया था, लेकिन मंत्री रिजूजू की लापरवाही के चलते सरकार को समय पर इस लक्ष्य के पूर्ण होने की आशंका थी। इसलिए प्रधानमंत्री ने स्वयं यह काम अपने हाथ में रखते हुए रिजूजू को हटाकर मेघवाल को राज्यमंत्री बनाया है।

संहिता की प्रमुख बातें

–              जाति-धर्म, परंपरा के आधार पर रियायत नहीं मिल  सकेगी

–              समुदाय विशेष के लिए अलग से नियम लागू नहीं होंगे

–              शादी-तलाक का एक ही नियम

–              संपत्ति के बंटवारे में भी अलग-अलग नियम नहीं