यूपी के बांदा में मिस इंडिया ताज (क्राउन प्रिंसेस) और फैशन मॉडल रिया की मां के सुसाइड मामले में मौत के 17 दिन बाद पुलिस नए दावे के साथ सामने आई है. इस मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासे किए हैं. बीती 11 जुलाई की शाम को फेसबुक लाइव के दौरान सुधा रैकवार (48) ने पुलिस पर बेटे के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज न करने और थाने में हुई बेइज्जती का आरोप लगाते हुए अपने घर में सुसाइड कर लिया था. अब उसी किडनैप बेटे दीपक रैकवार को पुलिस ने जौनपुर से बरामद दिखाकर अपहरण की पूरी कहानी को झूठा करार दिया है. साथ ही दावा किया है कि दीपक पर कई लोगों का पैसा बकाया था इसीलिए वह सबसे छिपा घूम रहा था.
अपर एसपी ने कहा कि अपहरण का झूठा मुकदमा लिखाने पर दीपक और उसके परिवार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. दरअसल, बीती 11 जुलाई की शाम फैशन मॉडल और मिस इंडिया ताज रिया रैकवार की मां सुधा ने अपने बेटे दीपक का कुछ लोगों द्वारा अपहरण की रिपोर्ट पुलिस द्वारा दर्ज न करने और थाने में अपहरणकर्ताओं के साथ मिलकर बेइज्जत करने का आरोप लगाते हुए फेसबुक लाइव के दौरान सुसाइड कर लिया था. महिला की खुदकुशी के बाद पुलिस ने बेटियों की तहरीर पर अपहरण का एक मुकदमा, कुछ नामजद और 30-35 अज्ञात लोगों के खिलाफ बांदा कोतवाली में दर्ज किया था.
केस की जांच में पुलिस ने दीपक को जौनपुर से बरामद दिखाकर बुधवार को बांदा में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपहरण की पूरी कहानी को फर्जी करार दे दिया. साथ ही दावा किया कि बरामद युवक ने उन्हें पूछताछ में बताया है कि उसका अपहरण नहीं हुआ था लेकिन पुलिस के पास इस बात का कोई ठोस जवाब नहीं था कि जब युवक का अपहरण हुआ ही नहीं था तो दो दिन से रिपोर्ट लिखाने को परेशान मां ने 11 जुलाई को फेसबुक लाइव के दौरान सुसाइड क्यों कर लिया और युवक अगर अपनी मर्जी से छिपा हुआ था तो मां की मौत के बाद सामने क्यों नहीं आया ?
इस मामले में जब मीडिया ने दीपक से कुछ सवाल करने चाहे तो पुलिस ने उसे बोलने से रोक दिया. पुलिस के अनुसार, महिला ने मौत को गले लगा लिया और बेटा अपहरण की कहानी रच सिर्फ इसलिए छिपा रहा ताकि दूसरे पक्ष के खिलाफ अपहरण का ‘झूठा केस’ मजबूत बनाया जा सके. अपर पुलिस अधीक्षक महेंद्र प्रताप चौहान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 11 जुलाई को एक अभियोग दर्ज हुआ था जिसमें दीपक रैकवार के अपहरण की बात आई थी. उस अपहरण के कारण उनकी मां द्वारा आत्महत्या किये जाने का यह मामला दर्ज किया गया था. केस की कोतवाली नगर से विवेचना हो रही थी और इसमें दीपक रैकवार की तलाश की जा रही थी. दीपक को जौनपुर से बरामद किया गया है.
उन्होंने पूछताछ में बताया कि उनका किसी ने अपहरण नहीं किया था. इस घटना में कुछ लोग और अज्ञात नामजद किये गए थे. इस प्रकार जो बातें बताई गई थीं वह गलत थीं और उनका अपहरण नहीं हुआ था. उन्होंने आगे बताया कि इस पूरे घटनाक्रम में यह तथ्य पाया गया कि दीपक उनकी मृत मां और पिता द्वारा एक मुद्रा अर्बन बैंक चलाया जा रहा था जिसमें काफी लोगों का पैसा लगा हुआ था और लोग अपना पैसा वापस मांग रहे थे क्योंकि बैंक की स्थिति ठीक नहीं चल रही थी. उसी पैसे की देनदारी न करनी पड़े उसके लिए इन लोगों के द्वारा उन लोगों को नामजद भी किया गया था जिनका पैसा जमा था और उनके खिलाफ केस भी दर्ज किया गया लेकिन लड़के के यह बयान दिए जाने के बाद उन लोगों की इस प्रकरण में संलिप्तता नहीं पाई जा रही. इन लोगों ने किडनैपिंग का झूठा मुकदमा लिखाया था इस प्रकरण में इनके विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.