फ्रांस की एजेंसियां जांच कर रही हैं कि क्या वास्तव में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का मोबाइल फोन टैप किया गया और उसके जरिये उनकी जासूसी की गई। फ्रांस की यात्रा पर आए इजरायली रक्षा मंत्री बेनी गेंट्ज से इससे बाबत सवाल फ्रांसीसी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पारली ने पूछा है।
दुनिया भर में जासूसी: इजरायल की कंपनी एनएसओ ने तैयार किया साफ्टवेयर
जिस साफ्टवेयर के जरिये दुनिया भर में जासूसी होने का शक है वह इजरायल की कंपनी एनएसओ ने तैयार किया है। एनएसओ के पेगासस स्पाईवेयर खरीदारों की सूची देखकर जांच को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इजरायली रक्षा मंत्री गेंट्ज की रक्षा मंत्री पारली से हुई वार्ता, साफ्टवेयर गलत हाथों में न जाए
माना जा रहा है कि दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में इस पर बात हुई है। इस बैठक में पारली ने यह जानने की कोशिश की कि जासूसी करने वाला साफ्टवेयर गलत हाथों में न जाए, इससे बचाव के लिए इजरायल की सरकार और एनएसओ कंपनी ने क्या इंतजाम किए हैं।
मैक्रों ने की इजराइल के पीएम नफ्ताली बेनेट से बात
फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने मोरक्को के सुरक्षा बलों द्वारा पेगासस स्पाइवेयर के जरिये उनके मोबाइल फोन की जासूसी करने की खबरों के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट से बात की। एक वैश्विक मीडिया संघ ने खबर दी थी कि पेगासस का इस्तेमाल कर 50,000 से अधिक मोबाइल नंबरों की जासूसी की जा रही है।
मोरक्को सरकार ने किया खंडन
मोरक्को सरकार ने उन खबरों का खंडन किया है जिनमें कहा गया है कि देश के सुरक्षा बलों ने स्पाइवेयर का इस्तेमाल फ्रांस के राष्ट्रपति को सुनने के लिए किया था। इसी तरह एनएसओ समूह ने इस बात से इनकार किया है कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति को निशाना बनाया गया था। एनएसओ ग्रुप के चीफ कंप्लायंस ऑफिसर चैम गेलफैंड ने बुधवार को बताया कि हम निश्चित रूप से कह सकते हैं कि फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रॉन निशाने पर नहीं थे। मैक्रों के एक करीबी सूत्र ने कहा कि फ्रांसीसी नेता के पास कई फोन थे जिन्हें नियमित रूप से बदला, अपडेट और सुरक्षित किया जाता था।