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मुम्बई हमले का मास्टरमांईड लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हुआ गिरफ्तार

पाकिस्तान की इमरान सरकार वैश्विक दबाव में कभी आतंकियों पर कार्रवाई करती है तो कभी आतंकी खुलेआम घुमते हैं। मुंबई में 26/11 हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के सरगना जकीउर रहमान लखवी को पाकिस्तान में गिरफ्तार कर लिया गया। जकीउर रहमान लखवी को आतंकियों की मदद और पैसे मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ज्ञात हो कि जकीउर रहमान लखवी ने हाफिज सईद के साथ मिलकर मुम्बई हमले की साजिश रची थी। लखवी मुंबई हमला मामले में 2015 से ही जमानत पर था। उसे आतंकवाद निरोधक विभाग ने गिरफ्तार किया। लखवी पर सरकार सख्त कार्रवाई करने से बचती है। सीटीडी ने लखवी की गिरफ्तारी कहां से हुई है। यह जानकारी नहीं दी है। सीटीडी पंजाब द्वारा खुफिया सूचना पर आधारित एक अभियान में प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी जकी-उर-रहमान लखवी को आतंकवादी गतिविधियों के लिये धन मुहैया कराने के आरोपों में गिरफ्तार कर लिया गया। लखवी को लाहौर के सीटीडी थाने में आतंकी वित्त पोषण से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया गया। सीटीडी ने बतााया कि लखवी पर एक दवाखाना चलाने, जुटाए गए धन का इस्तेमाल आतंकवाद के वित्त पोषण में करने का आरोप है। उसने और अन्य ने इस दवाखाने से धन एकत्रित किए और इस धन का इस्तेमाल आतंकवाद के वित्त पोषण में किया।

लखवी ने इस धन का इस्तेमाल निजी खर्च में भी किया। सीटीडी ने कहा कि प्रतिबंधित संगठन लश्कर- ए- तैयबा से जुड़े होने के अलावा वह संयुक्त राष्ट्र की तरफ से घोषित आतंकवादियों की सूची में भी शामिल है। इसने कहा कि उसके खिलाफ मुकदमा लाहौर में आतंकवाद निरोधक अदालत में चलेगा। ज्ञात हो कि 26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने मुंबई को बम धमाकों और गोलीबारी से दहला दिया था। इस आतंकी हमले को 12 साल हो गए हैं लेकिन यह भारत के इतिहास का वो काला दिन है जिसे कोई भूल नहीं सकता। हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। मुंबई हमले को याद करके आज भी लोगों को दिल दहल उठता है। भारत सरकार और दुनिया आतंकियों पर कार्रवाई चाहती है लेकिन पाकिस्तान सरकार सीधी कार्रवाई नहीं करती।

आतंकी हमले को लेकर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने अपनी किताब में दावा किया है कि साल 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले को लश्कर हिंदू आतंकवाद के तौर पर दिखाना चाहता था। इसके अलावा आतंकी कसाब को वह बेंगलुरु के समीर चैधरी के तौर पर मारना चाहता था। राकेश मारिया ने अपनी किताब लेट मी से इट नाउ में मुंबई हमले समेत कई अन्य मामलों पर भी बड़े दावे किए हैं। किताब के अनुसार आईएसआई और लश्कर आतंकी कसाब को जेल में ही खत्म करना चाहते थे और इसकी जिम्मेदारी दाउद इब्राहिम गैंग को दी थी। लश्कर के मुंबई हमले के बारे में बताते हुए मारिया ने किताब में लिखा है कि अगर सब कुछ योजना के अनुसार चलता तो कसाब चैधरी के तौर पर मरता और हमले के पीछे हिंदू आतंकवादियों को माना जाता। कुछ भी पाकिस्तान कार्रवाई करे तभी मुम्बई हमले के पीड़ितों को न्याय मिलेगा।