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मुगलकाल में जिन 50 परिवारों को जबरन बनाया मुस्लिम, राम मंदिर की नींव डलते ही बन गए हिंदू

हिंदुस्तान के इतिहास में 5 अगस्त 2020 की तारीख ऐतिहासिक बन चुकी है. इस दिन 500 सालों का लंबा इंतजार खत्म हुआ और राम मंदिर निर्माण की नींव रखी गई. पूरे देश में 5 अगस्त के दिन दीवाली जैसा माहौल देखने को मिला. तो वहीं राजस्थान के बाड़मेर जिले की पायला कला पंचायत समिति के मोतीसरा गांव में रहने वाले 50 मुस्लिम परिवारों ने इसी दिन हिंदू धर्म अपनाने का फैसला किया और वो भी अपनी इच्छानुसार. लोगों की मानें तो, उन्होंने 5 तारीख को सिर्फ विधिवत पूजन करके हिंदू धर्म अपनाया है लेकिन कई सालों से हिंदू रीति रिवाज के साथ ही अपना जीवन यापन कर रहे हैं और वह मुगकाल में मुस्लिम बने थे.

 

250 लोग बने हिंदू
रामजन्मभूमि के दिन ही 50 परिवारों के 250 सदस्यों ने हिंदू धर्म अपनाने का फैसला किया और हवन यज्ञ के बाद जनेऊ पहना. राम मंदिर निर्माण की नींव डलते ही जो फैसला यहां के लोगों ने लिया है उसकी चर्चा हर जगह है.250 people convert muslim to hindu barmerक्योंकि, इन लोगों पर किसी ने भी दबाव नहीं बनाया बल्कि इन लोगों ने हिंदू गुरुओं और संस्कृति को समझकर अपने आप हिंदू बनने का फैसला कर लिया.

मुगलकाल में बने थे मुस्लिम
मुस्लिम से हिंदू बनने पर बुजुर्ग सुभनराम ने कहा कि, मुगलकाल के समय में हमारे पूर्वजों को मुस्लिमों ने धमकी देकर मुस्लिम बनने के लिए मजबूर किया था. पर हमारा ताल्लुक हिंदू धर्म से ही था.250 people convert muslim to hindu barmer 1इसलिए हमने अब हिंदू धर्म में वापसी करने का फैसला किया. बुजुर्ग के मुताबिक, जब उन्हें अपने इतिहास की जानकारी हुई तो उनके मन में सवाल आया कि, वह फिर से हिंदू भी तो बन सकते हैं. फिर वह अपने परिवार के 250 सदस्यों के साथ हिंदू बन गए. जिसकी उन्हें बेहद खुशी है.

गांव ने किया फैसले का सम्मान
इस मामले के प्रकाश में आने के बाद कई लोगों के मन में सवाल उठे कि, 250 लोगों से जबरन हिंदू धर्म कबूल करने को कहा है. लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. हरजीराम ने बताया कि, कंचन ढाढ़ी जाति से ताल्लुक रखने वाला परिवार आज से नहीं बल्कि250 people convert muslim to hindu barmer 2कई सालों से हिंदू सभ्यता के अनुसार जी रहा है और हर साल उनके घर में हिंदू त्योहार मनाए जाते हैं. गांव के पूर्व सरपंच प्रभुराम कलबी ने भी कहा कि, सब लोगों ने अपने मन से हिंदू धर्म अपनाया है किसी पर कोई दबाव नहीं डाला गया. परिवार के फैसले का पूरा गांव ने सम्मान किया है और वैसे भी हमारा संविधान यही कहता है कि, कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छा से किसी भी धर्म को अपना सकता है. फिलहाल पूरे गांव में उत्सव जैसा माहौल है और हर कोई खुश है.